कोरोना की रफ्तार हुई धीमी, एक मिले संक्रमित
कम हुई है। बुधवार जिला में कोरोना का मात्र एक पाजिटिव मरीज मिला है। जिसके चलते अब तक जिला में कुल संक्रमितों की संख्या 163 पहुंच गई है लेकिन इसके साथ ही दो लोग स्वस्थ भी हुए हैं। जिससे जिला में
जागरण संवाददाता, कठुआ: जिले में कोरोना महामारी की रफ्तार बीते तीन दिनों में कुछ कम हुई है। बुधवार को जिले में कोरोना का मात्र एक पॉजिटिव मरीज मिला, जिसके चलते अब जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 163 पहुंच गई। साथ ही दो लोग स्वस्थ भी हुए हैं। इससे जिले में 80 लोग अभी भी कोरोना के सक्रिय संक्रमित हैं। वहीं अभी तक 83 लोग कोरोना को हराकर अस्पतालों से स्वस्थ होकर घरों को लौट चुके हैं।
बता दें कि गत रविवार तक लगातार दस दिन में 71 पॉजिटिव मामले आए और अब 13 दिन में लगातार 75 मामले आ चुके हैं। यानि चार दिन में अब सिर्फ 4 ही पॉजिटिव मामले आए हैं। इससे कोरोना ने अपनी रफ्तार पर कुछ ब्रेक लगाई है। इस चार दिन के दौरान 9 लोग स्वस्थ भी हुए हैं जो जिलावासियों के लिए कोरोना से बड़ी राहत की खबर है। ऐसे में कोरोना की रफ्तार कम होने से इस महामारी से लोगों को निजात मिलने की तो उम्मीद नहीं की जा सकती है, लेकिन राहत तो कहीं जा सकती है।
नया पॉजिटिव मामला कठुआ के वार्ड 17 का है, जो दिल्ली से लौटा था। हालांकि, वह पहले से ही क्वारंटाइन था। ऐसे में जब तक अन्य राज्यों से लोगों के लौटने का क्रम जारी है, तब तक कोरोना से जल्द मुक्ति मिलना संभव नहीं है। इस बीच अब जिले में लॉकडाउन के बाद अब अनलॉक-1 के चलते सामान्य गतिविधियां होने के कारण लोगों का बाजार व मार्केट में बिना रोकटोक आना जाना जारी है। इसके चलते अब शहर की सड़कों और बाजारों में लोगों की भीड़ पहले की तरह ही दिख रही है, साथ ही बढ़ते तापमान लोगों को दिन में घरों से बाहर निकलने के लिए रोक रही है। इससे दिन में शहर में अब पहले से भीड़ कम रहती है, लेकिन शाम को दुकानों का समय 7 बजे बंद होने के कारण उससे पहले काफी भीड़ रहती है।
बुधवार को तापमान 40 डिग्री के आसपास रहा, लेकिन मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अभी लोगों को लू का सामना करना पड़ेगा, बारिश के अभी आसार नहीं है। गर्मी के कारण अब शहर में ठंडे पेयजल, कुल्फी, फास्ट फूड के कार्नर सज गए हैं। इस बीच नगर परिषद द्वारा सैनिटाइज करने के साथ मास्क बांटने का भी क्रम जारी है। उधर, यात्री वाहन अभी भी नहीं चल रहे हैं। इससे गर्मी के दौरान लोगों को जरूरी काम के लिए जाने पर सुविधा नहीं मिल रही है।