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घगरोड में नहीं करने दिया कोरोना संक्रमित का संस्कार

जागरण टीम कठुआ/बसोहली जिले में मंगलवार को कोरोना से पहली मौत के बाद हड़कंप मच गया। 85 व

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 12:13 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 12:13 AM (IST)
घगरोड में नहीं करने दिया कोरोना संक्रमित का संस्कार
घगरोड में नहीं करने दिया कोरोना संक्रमित का संस्कार

जागरण टीम, कठुआ/बसोहली: जिले में मंगलवार को कोरोना से पहली मौत के बाद हड़कंप मच गया। 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला बसोहली की रहने वाली है। हालांकि, अंतिम संस्कार करने के दौरान ग्रामीणों ने विरोध किया, इसके बाद महिला का जटेड़ नाले के पास ले जाकर संस्कार किया गया।

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इस बीच, जिले में मंगलवार को कोरोना के पांच और नए पाजिटिव मरीज मिले हैं। हालांकि, चार कोरोना पीड़ित स्वस्थ होकर अस्पताल से घर को लौटे। स्वस्थ होने वालों में 60 वर्षीय रोशन लाल, 49 वर्षीय गणेश दत्त, मधु बाला, पंकज सिंह शामिल है। उधर, पांच नए मिले कोरोना संक्रमित मरीज में दो पहले से ही होम क्वारंटाइन थे, इनमें एक कठुआ के शिव नगर और महानपुर का शामिल है, दोनों गत दिनों पंजाब और चैन्नई से लौटे है। इसके अलावा एक सीआइएसएफ का जवान है, जो कर्नाटक का है, जबकि एक रख मढ़ीन और छन्न रोडियां का है। इनमें एक ट्रक चालक और दूसरा मुंबई से लौटा है। पांचों कोरोना संक्रमित की रिपोर्ट आते ही इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया है। इसी के साथ जिले में अब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 332 पहुंच गया, जबकि सक्रिय संक्रमितों की संख्या 72 हो गई है। हालांकि, स्वस्थ होने वालों की संख्या भी 160 पहुंच गई है।

बहरहाल, बसोहली क्षेत्र में कोरोना से पहली मौत होने के बाद लोग सतर्क हो गए हैं। दिल्ली से लौटी वृद्ध महिला की मौत के बाद शव को पीपीई कीट पहनाकर बसोहली भेजा गया, जिसके बाद परिजनों ने गांव घगरोड़ नाले में हिन्दू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार करने को लेकर एंबुलेंस से पहुंचे, लेकिन जैसे ही घगरोड गांव के लोगों को कोरोना कोविड-19 से हुई मौत के शव को गांव के नाले में जलाने का पता चला तो लोगों ने विरोध किया और परिणामस्वरूप शव को बसोहली से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित जटेड़ नाले के पास ले जाकर संस्कार किया गया।

परिजनों के अनुसार बसोहली में संस्कार करना मुश्किल था, क्योंकि पीपीई किट डाल कर लगभग 400 मीटर रंजीत झील के तट पर शान्ति घाट तक पहुंचना और वहां से चढ़ाई चढ़ना परिजनों के लिए मुश्किल था, इसलिए परिजनों ने पहले घगरोड और बाद में जटेड नाले को चुना। घगरोड गांव के सरपंच का कहना है कि लोगों ने एतराज जताते हुए कहा कि वहां पर लोगों का आना जाना दिन रात लगा रहता है, इस कारण उन्होंने विरोध किया। साथ ही जटेड़ नाले का सुझाव भी ग्रामीणों ने ही दिया। देर शाम कस्बे के वार्ड नंबर पांच की रहने वाली वृद्ध महिला का अंतिम संस्कार कर दिया गया।


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