नगरी में डिग्री कॉलेज खोले जाने की मांग पर कांग्रेसियों का प्रदर्शन
जागरण संवाददाता, कठुआ : नगरी में डिग्री कॉलेज खोले जाने की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वीर
जागरण संवाददाता, कठुआ : नगरी में डिग्री कॉलेज खोले जाने की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वीरवार नारेबाजी की। नारेबाजी के उपरांत कार्यकर्ताओं ने मांग के संदर्भ तहसीलदार के माध्यम से राज्य के गवर्नर को एक लिखित ज्ञापन भेजा। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी नगरी के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसियों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार डिग्री कॉलेज के नाम पर बंदरबांट कर रही है, जहां डिग्री कॉलेज की जरूरत नहीं है, वहां कॉलेज खोले जा रहे हैं, जहां जरूरत है, वहां नहीं। जबकि पिछले कई सालों से स्थानीय लोग नगरी में डिग्री कॉलेज खोलने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन सरकार ने उनकी मांग को अनदेखा करते हुए कॉलेज की मांग को पूरा नहीं किया। जबकि जहां जरूरत नहीं थी, वहां खोल दिए गए हैं। इस मौके पर अनिल शर्मा, ब्लॉक प्रधान सत पाल भंडारी, नीटू सिंह, नगरी म्यूनिसिपल कमेटी के उपप्रधान तरसेम सैनी, कुलभूषण कुमार आदि ने कहा कि सरकार का नगरी के साथ भेदभाव सहन नहीं किया जाएगा। जबकि नगरी राज्य का दूसरा बड़ा कस्बा है, लेकिन उसके बाद भी विकास के मामले में भेदभाव किया जा रहा है। जहां से सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थी कठुआ में शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं। जिन्हें परेशानी होती है। हालांकि, इसके लिए यहां के जनप्रतिनिधि भी जिम्मेदार है, जो क्षेत्र की जायज मांग को सरकार से पूरा नहीं करा पाए हैं। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पंकज डोगरा ने कहा कि सरकार को किसी भी क्षेत्र के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए, उनकी पूर्व में सरकार ने ऐसा नहीं किया, सभी क्षेत्र में बराबर विकास कराया है। भाजपा ने हमेशा नगरी को अनदेखा किया है। जहां विकास नाम की कोई चीज नहीं है। पंकज डोगरा ने कहा कि जब तक नगरी में सरकार कॉलेज नहीं खोलेगी तब तक कांग्रेस का संघर्ष जारी रहेगा। ये अभी शुरुआत है। उन्होंने विकास की जिला में दुहाई देने वाली भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा कि आज भी जिले में मौजूदा सरकार जितने भी प्रोजेक्ट का निर्माण करा रही है, ये सब कांग्रेस की देन है, उसी के द्वारा बनाई गई योजनाओं पर अमल कर रही है। पंजतीर्थी कांग्रेस का प्रोजेक्ट है। शाहपुर कंडी कांग्रेस के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के सत्ता में आने से आगे बढ़ा है, सच्चाई ये है कि बादल सरकार ने इसे दबा कर रखा था, इसी तरह किड़ियां गंडयाल पुल भी कांग्रेस के दौरान की परियोजना है।