सीबीआइ जांच कराओ नहीं तो जारी रहेगा आमरण अनशन
संवाद सहयोगी, हीरानगर : रसाना की आठ वर्षीय बच्ची के हत्या मामले की सीबीआइ से जांच करवाने
संवाद सहयोगी, हीरानगर : रसाना की आठ वर्षीय बच्ची के हत्या मामले की सीबीआइ से जांच करवाने की मांग को लेकर कूटा में महिलाओं का आमरण अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। आमरण अनशन पर बैठी त्रिशला देवी, दर्शना देवी, सुषमा देवी, अंजना का कहना है कि क्राइम ब्रांच की जांच पर लोगों को विश्वास नहीं है। मुख्यमंत्री के दबाब में क्राइम ब्रांच एक ही समुदाय के लोगों को जांच के नाम पर तंग कर रही है। हत्या में जो कोई भी दोषी हो उसे सजा मिलनी चाहिए। मगर निर्दोष लोगों को जिस तरह से परेशान किया रहा है, उससे नहीं लगता की बच्ची को इंसाफ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच सीबीआई कर सकती है जब तक सरकार हमारी यह मांग पूरी नहीं करती हमारा अनशन जारी रहेगा।
उधर, सीबीआइ जांच की मांग को लेकर आमरण अनशन में बैठी महिलाओं के समर्थन में नेशनल पैंथर्स पार्टी भी खुल कर आ गई है। रविवार को पार्टी के चेयरमैन व पूर्व मंत्री हर्ष देव सिंह प्रदेश अध्यक्ष बलवंत सिंह मनकोटिया भी कूटा पहुंचे और महिलाओं को सीबीआइ से जांच करवाने की मांग का समर्थन किया। हर्ष देव सिंह ने कहा कि जब हर जगह से लोग रसाना हत्या मामले की सीबीआइ से जांच की मांग कर रहे है तो सरकार को लोगों की मांग माननी चाहिए। उन्होंने कहा कि पैंथर्स पार्टी लोगों की इस मांग की समर्थन करती है। अगर सरकार जांच सीबीआइ को नहीं सौंपती तो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे, ताकि सभी को इंसाफ मिल सके जिसके लिए क्षेत्र के लोग दो माह से आवाज उठा रहे है। इस अवसर पर कांत कुमार राज खजूरिया अन्य लोगों भी मौजूद रहे। भाजपा नेताओं की चुप्पी पर बरसे पैंथर नेता
रसाना मामले की सीबीआई से जाच करवाने की हिंदू एकता मंच की माग को सही ठहराते हुए नेशनल पैंथर्स पार्टी के राज्य अध्यक्ष बलवंत सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी ने भी 22 मार्च मुख्यमंत्री महबूबा से मामला सीबीआइ को सौंपने की बात की थी। मगर हिंदूओं की हितैषी होने का दावा करने वाली भाजपा इस पर चुप्पी साधे हुए है। हिंदू एकता मंच की बैठक में मुख्यमंत्री ने कह कर सीबीआइ जाच करवाने का आश्वासन देने वाले मंत्री और विधायक खामोश है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की बात करती है। दूसरी तरफ माताओं बेटियों के इंसाफ के लिए सड़कों पर आमरण अनशन करना पड़ रहा है और कोई उनकी बात नहीं सुन रहा।