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चंचलो माता मंदिर भूस्खलन की चपेट में, बचाने की गुहार

संवाद सहयोगी बसोहली बसोहली के इतिहास का गवाह चंचलो माता मंदिर को बचाने के लिए मंदिर के पुजारी

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 12:22 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 12:22 AM (IST)
चंचलो माता मंदिर भूस्खलन की चपेट में, बचाने की गुहार
चंचलो माता मंदिर भूस्खलन की चपेट में, बचाने की गुहार

संवाद सहयोगी, बसोहली: बसोहली के इतिहास का गवाह चंचलो माता मंदिर को बचाने के लिए मंदिर के पुजारी पवन पाधा ने प्रशासन से गुहार लगाई है।

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पुजारी पाधा का कहना है कि इस बार बरसात में किले की प्रमुख दीवार भूस्खलन की चपेट में आ गई है। इसे बचाने के लिए अपनी ओर से सभी के आगे गुहार लगाए, मगर कोई हल नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। मंदिर में लोग हर रोज पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं, यहा पर मुंडन संस्कार, शादी विवाह संस्कार के अलावा कई प्रकार के हिन्दू रीति रिवाजों के काम होते हैं।

मंदिर में स्थापित चंचलो माता राजपूत बिरादरी कुलज है, पाधा परिवार के सदस्य यहा के पुजारी हैं। बसोहली को एकटक देखने के लिये पर्यटक यहा पर जरूर आते हैं, यहा से रंजीत सागर झील, अटल सेतु के अलावा मनोरम पहाड़ियों के दृश्य को कैमरे में कैद किया जाता हैं। उन्होंने बताया कि अगर इस दीवार को जल्द ना बनाया गया तो मंदिर को नुकसान हो सकता है। उन्होंने जिला प्रशासन से इस ऐतिहासिक मंदिर को बचाने के लिये फंड उपलब्ध करवाने की माग की है।


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