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गावों में बने बंकर में शौचालय तक की सुविधा नहीं

संवाद सहयोगी हीरानगर पाक गोलीबारी से बचाने के लिए सीमावर्ती गांवों में व्यक्तिगत और सामुदायिक बंक

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 12:52 AM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 06:20 AM (IST)
गावों में बने बंकर में शौचालय तक की सुविधा नहीं
गावों में बने बंकर में शौचालय तक की सुविधा नहीं

संवाद सहयोगी, हीरानगर: पाक गोलीबारी से बचाने के लिए सीमावर्ती गांवों में व्यक्तिगत और सामुदायिक बंकरों का निर्माण किया जा रहा है, ताकि गोलीबारी के दौरान लोग बंकरों में छिपकर जान बचा सके। भले ही प्रशासन गांवों में बंकर का निर्माण करवा रहा है, लेकिन सामुदायिक बंकरो की तरह व्यक्तिगत बंकरो में शौचालय की सुविधा नहीं होने की वजह से गोलीबारी के दौरान लोग बंकरों से बाहर निकल कर खेतों में नहीं जा सकते।

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इतना ही नहीं, रोशनी के लिए बंकरो में बिजली की तारें तो लगाई गई है, मगर इनवर्टर नहीं। रात को जब बिजली बंद रहती है तो लोग गर्मी में बंकरों के अंदर ज्यादा देर तक नहीं बैठ सकते।

सरपंच देव राज, भारत भूषण, विक्रम सिंह, मोहन लाल, निर्मल काता का कहना है कि गोलीबारी से बचाव के लिए सरकार सीमावर्ती गावों में बंकरों का निर्माण तो करवा रही हैं, जिनमें अधिकांश बनकर तैयार भी है, लेकिन इनमें ज्यादातर देर तक एक परिवार नहीं रह सकता। सामुदायिक बंकरो के अंदर शौचालय बनाए गए हैं जो व्यक्तिगत बंकरो में नहीं, इनमें भी शौचालय की जरूरत है। पाकिस्तान शाम से सुबह तक गोलीबारी करता रहता है। इस दौरान बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं होता। गोलियों से घरों की दीवारें छलनी हो चुकी हैं। तारें टूट जाने से रात भर बिजली बंद रहती है। बच्चे व बुजुर्ग गर्मी में अंदर नहीं बैठ सकते। सरकार को बंकरों के अंदर शौचालय के साथ-साथ रोशनी के लिए इनवर्टर लगाने चाहिए, जिसकी लोग शुरू से माग करते आ रहे हैं। अन्यथा सुविधाएं नहीं मिलने से लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ेगा। कोट्स---

लोग व्यक्तिगत बंकरो के साथ शौचालय और रोशनी के इनवर्टर लगाने की माग कर रहे हैं। उक्त माग के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है।

- राकेश कुमार, एसडीएम, हीरानगर।

कोट्स---

मढ़ीन ब्लॉक के गावों में 431 बंकर बनाए जाएंगे, इनमें से 105 बंकरो का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, 57 बंकर पर स्लैप डाल दिए गए हैं। व्यक्तिगत बंकरो में शौचालय की सुविधा नहीं है, अगर फंड बढ़ता है तभी शौचालय बन सकता हैं।

- राजेश अत्री, बीडीओ, मढीन। बाक्स----

इन गावों में हो रहा है बंकरों का निर्माण: सपालमा में 16, खनक में 11, गंगूचक में 25, पानसर-रठुआ में 27, महाराजपुर में 11, हरिपुर सेनी में 3, मादा में 5, बोविया में 8 बंकरो का निर्माण कार्य चल रहा है।


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