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सीमांत गांववासियों को चार दशक बाद मिलेगी परिवहन की सुविधा

सीमावर्ती क्षेत्र के दो सौ के करीब गांवों को जोड़ने वाले ओल्ड सांबा कठुआ मार्ग पर के विस्तारीकरण के बाद तरनाह नाले के पुल का निर्माण होने से इस पर फिर से जम्मू कठुआ के बीच बस सेवा शुरू होने से लोगों आने जाने की सुविधा मिल सकेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। हालांकि तरनाह नाले के पुल का नि

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 08:13 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 08:13 AM (IST)
सीमांत गांववासियों को चार दशक बाद मिलेगी परिवहन की सुविधा
सीमांत गांववासियों को चार दशक बाद मिलेगी परिवहन की सुविधा

संवाद सहयोगी, हीरानगर : सीमावर्ती क्षेत्र के करीब 200 गांवों को जोड़ने वाले ओल्ड सांबा-कठुआ मार्ग के विस्तारीकरण के बाद तरनाह नाले सहित अन्य नालों पर पुलों का निर्माण पूरा होते ही चार दशक बाद फिर से सांबा और कठुआ के बीच बस सेवा शुरू होगी। इससे आवागमन की सुविधा मिलने के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

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तरनाह नाले पर पुल का निर्माण 31 मार्च तक पूरा होगा। वहीं, चकड़ा से सांबा तक 20 किलोमीटर लंबे मार्ग पर सन्याल, बाना चक, बब्बर नाला, मदून नालों के पुलों का निर्माण अभी चल रहा है। इनका काम पूरा होते ही बस सेवा बहाल हो जाएगी।

ओल्ड सांबा-कठुआ मार्ग पर 1980 से पहले सांबा-कठुआ के बीच एक एक घंटे के बाद बॉर्डर के लिए बसें चलती थीं, जो सांबा से वाया मावा, राजपुरा, शेरपुर, चकड़ा, वलासा खू, मढ़ीन, चड़वाल, माही चक, जखवड़ से कठुआ तक जाती थीं और लोग आसानी से पहुंच जाते थे। हालांकि बरसात में नालों में बाढ़ आने से दो माह तक बंद रहती थीं। उसके बाद मार्ग की खस्ता हालत की वजह से 80 के दशक में बसें बंद हो गई थीं।

आजादी के 70 साल बाद मार्ग पर पुलों के बनने से क्षेत्र के लोग काफी खुश हैं, क्योंकि इससे पहले सीमावर्ती लोगों को जम्मू या कठुआ जाने के लिए पहले राष्ट्रीय राजमार्ग पर चड़वाल, हीरानगर मोड़, घगवाल, दियाला चक आदि अड्डों पर जाना पड़ता था। ओल्ड सांबा-कठुआ मार्ग पर बहने वाले नालों पर पुल नहीं होने से सीमावर्ती गांवों का बरसात में आपसी संपर्क टूट जाने से लोगों को आने-जाने में परेशानी होती थी। साथ लगते गांवों में जाने के लिए मीलों का चक्कर काटना पड़ता था। अब कोटपून्नू से सांबा तक मार्ग का विस्तारीकरण हो चुका है और पुलों का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद बस सेवा शुरू होने से क्षेत्र के लोगों को आने-जाने में सुविधा मिलेगी।

- देवेंद्र सिंह, निवासी बाना चक ओल्ड सांबा-कठुआ मार्ग के विस्तारीकरण के साथ पुलों का निर्माण भी पूरा होने वाला है। इससे चार दशक बाद फिर से बस सेवा शुरू होने की उम्मीद है। सरकार को पुलों के निर्माण के तुरंत बाद इस रूट पर बस सेवा शुरू करनी चाहिए, ताकि लोगों को राहत मिल सके।

- तिलक राज शर्मा, पूर्व सरपंच हरिपुर ओल्ड सांबा-कठुआ मार्ग पर कठुआ व सांबा जिलों के 200 के करीब गांव पड़ते हैं। इस रूट पर बस सेवा बहाल होने से गांवों का आपसी संपर्क होने से लोगों को आने-जाने की सुविधा तो मिलेगी ही, रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। किसान दूध, सब्जियां आदि शहरों में बेचकर अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे।

- देव राज शर्मा, सरपंच लोंडी पंडोरी से सांबा तक मार्ग का विस्तारीकरण हो चुका है। तरनाह नाले के पुल का निर्माण कार्य 31 मार्च तक पूरा हो जाएगा। इसके साथ-साथ बनयाड़ी, सन्याल, बाना चक पुलों का कार्य तेजी से चल रहा है, जो बरसात से पहले पूरे हो जाएंगे। जबकि बेई नाले का पुल पहले ही आवाजाही के लिए खोल दिया गया है।

- सुरेश कुमार, टूआईसी, बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन, सांबा ओल्ड सांबा-कठुआ मार्ग के विस्तारीकरण के बाद न केवल सांबा व कठुआ जिलों, बल्कि पंजाब के सीमावर्ती गांवों के लोगों को भी आने-जाने की सुविधा मिलेगी। सरकार ने उज्ज, तरना, बेई सहित तमाम छोटे-बड़े नालों पर पुलों का निर्माण करवा दिया है। इन पर बसों के चलने से क्षेत्र की उन्नति होगी। मार्ग के साथ लगते अड्डे विकसित होंगे और व्यापार बढ़ेगा। गांवों का आपसी संपर्क नहीं होने से सीमावर्ती गांव काफी पिछड़े हुए थे।

- ठाकुर रणजीत सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता, हीरानगर बस सेवा शुरू होने से सीमा क्षेत्र के इन गांवों को मिलेगी सुविधा

सांबा जिले के रिगाल, चलैटी, चचवाल, मंगूचक, चक दुलमा, सदवाल, सजाना, राजपुरा, मावा। कठुआ जिले के शेरपुर, लोंडी, बाना चक, चकड़ा, बोबिया, पानसर, देवो चक, हरिपुर, गोपाला चक, छन्नलालदीन, कोटपुन्नू, हरिया चक, मढ़ीन चक, नथल आदि पंचायतों के ग्रामीणों को आने-जाने की सुविधा मिलेगी।


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