बसोहली में रामलीला मंचन के लिए रिहर्सल शुरू, अगले सप्ताह से लगना शुरू हो जाएगा सेट
जल्दी ही अगले सप्ताह से सेट तैयार करने को लेकर कार्रवाई शुरू हो जाएगी। अभी रिहर्सल प्रथम चरण में है। इसलिए थोड़े कलाकार ही आ रहे हैं।
बसोहली, संवाद सहयोगी। देश में प्रथम स्थान पाने वाली बसोहली रामलीला की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। रामलीला मंचन को लेकर बैठकों का दौर जारी है। रोजाना नए कलाकारों को मंचन के तौर-तरीके और उनके द्वारा किए जाने वाले वाले दृश्यों की बारीकियां समझायी जा रही हैं। रात नौ बजते ही नए एवं पुराने कलाकार रामलीला की रिहर्सल में जुट जाते हैं। तबला, हरमोनियम पर गीत किस प्रकार से गाना है। एक्टिंग किस प्रकार से करनी है, इसके बारे में सिखाया जा रहा है।
प्रधान चंद्रशेखर ने बताया कि बसोहली रामलीला 100 साल से भी पुरानी होने के कारण इस का अलग ही मजा है। बिना परदे की रामलीला जिसे खुले असमान के नीचे करवाया जाता है, इसे और सुंदर और आकर्षक बनाने के लिए रामलीला क्लब बेहतर तैयारी कर रहा है। ताकि देश में इसका प्रथम स्थान बना रहे। स्थानीय लोगों का सहयोग मिल रहा है। पुराने कलाकार नए कलाकारों को सिखा रहे हैं, ताकि मंचन में किसी भी प्रकार की त्रुटि न रहे। वहीं आने वाले दिनों में रामलीला का मंचन करवाने के लिए राम दरबार एवं रावण दरबार का सामान स्टोर से बाहर निकालना शुरू हो गया है।
जल्दी ही अगले सप्ताह से सेट तैयार करने को लेकर कार्रवाई शुरू हो जाएगी। अभी रिहर्सल प्रथम चरण में है। इसलिए थोड़े कलाकार ही आ रहे हैं। एक सप्ताह के भीतर सब कलाकार तैयारी शुरू कर देंगे।
बसोहली की रामलीला है अनूठी आैर खास
बसोहली की रामलीला भी अपने-आप में अनूठी है। सब जगहों से अलग, जहां किसी एक स्थान पर ही अनेक लीलाओं के दृश्य तैयार किए जाते हैं, बसोहली की रामलीला सचल है। नगर के मध्य में स्थित रामलीला मैदान में जहां प्रारंभिक लीलाएं होती हैं, वहीं केवट संवाद मैदान में नहीं बल्कि तालाब में असली नाव पर प्रदर्शित किया जाता है।