गांव पंदराड के ग्रामीण तालाब का दूषित पानी पीने को मजबूर
संवाद सहयोगी कठुआ बरनोटी के कंडी क्षेत्र में स्थित गाव पंदराड में पानी की समस्या से लोगों को रो
संवाद सहयोगी, कठुआ: बरनोटी के कंडी क्षेत्र में स्थित गाव पंदराड में पानी की समस्या से लोगों को रोजाना दो चार होना पड़ रहा है। आलम यह है कि ग्रामीणों को गाव के एकमात्र तालाब का दूषित पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है।
ग्रामीणों के अनुसार गांव के तालाब का पानी का उपयोग रोजमर्रा कार्य में किया जाता है, लेकिन पीने के पानी की किल्लत लगातार बढ़ती जा रही हैं। ट्यूबवेल पर कर्मचारी न होने की वजह से रोजाना स्वच्छ पानी की सप्लाई नहीं होती है।
जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर गाव पंदराड के लोगों ने बताया कि जब से जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है, तभी से गाव के लोगों को पानी के संकट से रोजाना जूझना पड़ रहा है। इस वजह से लोगों को तालाब के गंदे पानी का इस्तेमाल करना पड़ता है, जबकि उसी तालाब से लोग अपने पशुओं को भी पानी पिलाते हैं और वही तलाब पर कपड़े धोना और घरों के अन्य कामों में पानी का इस्तेमाल किया जाता है। ग्रामीणों ने कहा कि एक तरफ देश में कोरोना महामारी फैली हुई है, वहीं लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। प्रशासन से माग करते हैं कि जल्द से जल्द कर्मचारियों की मागों को पूरा कर हड़ताल खत्म कर लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पानी मुहैया करवाएं। बाक्स---
गाव मे पानी की समस्या पिछले कई सालों से है। कई बार इस समस्या को जिला सचिवालय तक पहुंचाया, लेकिन इस समस्या का को हल नहीं हो रहा है।
- ओम प्रकाश। बाक्स---
गाव में ट्यूबवेल है, लेकिन उस पर काम करने वाले कर्मचारी ही नहीं है। इस वजह से लोगों को पीने का पानी महीने में दो बार ही मिल पाता है। इसके कारण लोगों को परेशान भी होना पड़ रहा हैं। प्रशासन से माग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाए।
- लवकेश सिंह।
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पानी के लिए गाव में एकमात्र तालाब है जो कि ग्रामीणों की रोजाना की जरूरत को पूरा कर रही है। इसके कारण महामारी फैलने का भी खतरा मंडरा रहा है। पानी के लिए रोजाना लोगों को दरबदर होना पड़ रहा है।
- भगवान दास।
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गाव में पानी की समस्या काफी पुरानी है, इसके कारण लोगों का एकमात्र सहारा पुराना तलाब ही है। पीने के पानी की पर्याप्त सुविधा नही है, प्रशासन से माग करते है कि गांव में पानी की समस्या को जल्द से जल्द हल किया जाए।
- जोगेन्द्र पाल।