पाक से लौटी 14 छात्राओं की 28 दिन बाद कश्मीर वापसी
जागरण न्यूज नेटवर्क कठुआ/अमृतसर पंजाब के अमृतसर में क्वारंटाइन की गई जम्मू कश्मीर की 14 छात्र
जागरण न्यूज नेटवर्क, कठुआ/अमृतसर : पंजाब के अमृतसर में क्वारंटाइन की गई जम्मू कश्मीर की 14 छात्राएं वीरवार को अपने घर लौट गई। यह छात्राएं 18 मार्च को अटारी बार्डर के रास्ते पाकिस्तान से लौटी थीं और उसके बाद अमृतसर में ही उन्हें क्वारंटाइन में रखा गया था। क्वारंटाइन पूरा होने के बावजूद लॉकडाउन के कारण उनकी घर वापसी नहीं हो पा रही थी। जम्मू कश्मीर प्रशासन उनके कोविड टेस्ट कराने पर ही लेने पर राजी हुआ। उनकी दूसरी टेस्ट रिपोर्ट भी निगेटिव आई थी।
इन छात्राओं को पंजाब रोडवेज की बस से लखनपुर बार्डर तक लाया गया। उसके बाद कठुआ जिला प्रशासन ने जम्मू कश्मीर राज्य परिवहन की बसों से उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाया।
वीरवार सुबह पौने सात बजे स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन ने इन्हें पंजाब रोडवेज की बस में अमृतसर से रवाना किया। सुरक्षा के लिए पुलिस की टीम भी साथ भेजी गई। लखनपुर पहुंचने पर भी इनके स्वास्थ्य की जांच हुई और राज्य परिवहन की बसों में घर रवाना कर दिया गया।
18 मार्च को ये युवतियां पाकिस्तान से अटारी सीमा के रास्ते भारत पहुंची थीं। अटारी बॉर्डर से इन्हें अमृतसर में स्वामी विवेकानंद नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र में क्वारंटाइन किया था। दो अप्रैल को इनका क्वारंटाइन पीरियड खत्म हो रहा था, लेकिन जम्मू-कश्मीर प्रशासन के कहने पर दोबारा टेस्ट कराया गया। बुधवार को रिपोर्ट नेगेटिव आने पर इन्हें गुरुवार को जम्मू-कश्मीर रवाना कर दिया गया।
इन विद्यार्थियों को अपने घरों में भी 14 दिनों तक क्वारंटाइन पर रहना पड़ेगा। इस दौरान घर लौटते हुए छात्राओं ने कहा कि उन्हें क्वारंटाइन केंद्र में घर जैसी सुविधाएं मिली। किसी चीज की कोई कमी नहीं हुई। ---
आज थी चेहरों पर चमक
पिछले 28 दिन से क्वारंटाइन सेंटर में अपनों से दूर रह रहीं इन युवतियों के चेहरों पर घर लौटने की चमक साफ दिखी। सरकार ने जब लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक बढ़ा दी तो ये छात्राएं फिर से परेशान हो गई थी। गुरुवार को कठुआ पहुंचकर उनके चेहरे पर मुस्कान साफ दिखाई दे रही थी।
एक छात्रा ने बताया कि अब वह घर लौट रही है, यही उसके लिए सबसे बड़ी खुशी है। लंबे अरसे के बाद घर लौटने की खुशी आप समझ सकते हैं।
वहीं एक अन्य छात्रा ने कहा कि हम समझ सकते हैं कि कोरोना को हराना आवश्यक है। इसी वजह से कुछ समय लग गया। महत्वपूर्ण बात यह है कि हम घर लौट रही हैं।