Move to Jagran APP

बर्फीले रेगिस्तान लेह के लिए आज का दिन हुआ ऐतिहासिक

बर्फीले रेगिस्तान लेह के लिए शनिवार का दिन ऐतिहासिक हो गाया। सालभर बर्फ से ढके जोजिला दर्रे में टनल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नींव में पत्थर रखा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 19 May 2018 10:56 AM (IST)Updated: Sat, 19 May 2018 02:17 PM (IST)
बर्फीले रेगिस्तान लेह के लिए आज का दिन हुआ ऐतिहासिक
बर्फीले रेगिस्तान लेह के लिए आज का दिन हुआ ऐतिहासिक

जम्मू, राज्य ब्यूरो। बर्फीले रेगिस्तान लेह के लिए शनिवार का दिन ऐतिहासिक हो गाया। सालभर बर्फ से ढके जोजिला दर्रे में टनल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नींव में पत्थर रखा। पिछले पांच साल में कई बार टनल के निर्माण के लिए प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन कंपनियों के आगे न आने के कारण इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया।

loksabha election banner

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज श्रीनगर, कारगिल और लेह के बीच मौसम कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए एशिया की सबसे लंबी  ज़ोजिला सुरंग के लिए काम शुरू कर दिया। प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर के सभी तीन क्षेत्रों- लेह, कश्मीर और जम्मू की एक दिन की यात्रा पर हैं, यहां उन्‍होंने बौद्ध आध्यात्मिक गुरु कुशोक बाकूला रिनपोचे की 100 वीं जयंती समारोह के समापन समारोह में भाग लिया। ज़ोजिला पास श्रीनगर-कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और सड़कों के माध्यम से कश्मीर से लद्दाख क्षेत्र को भारी बर्फबारी के कारण सर्दियों के दौरान बंद रहता है।

श्रीनगर-कारगिल-लेह मार्ग पर जोजिला दर्रे में 14.2 किलोमीटर लंबी टनल के निर्माण 17 अक्टूबर 2013 को डॉ. मनमोहन सिंह की अगुवाई में तत्कालीन केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी। अप्रैल 2013 के बाद चार बार इस टनल के निर्माण के लिए ग्लोबल टेंडर हुए, लेकिन कंपनियां चुनौतीपूर्ण हालात को देखते हुए आगे नहीं आई।

नेशनल हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड ने इस मामले में राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माण करने वाली कंपनियों से बैठकें कीं मगर कोई भी लाभ नहीं हुआ। दिसंबर 2015 में 1050 करोड़ रुपये से इस प्रोजेक्ट का निर्माण सरकार ने आइआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दिया था। उस समय एक ही टेंडर आया था, लेकिन इस मामले में सेंट्रल विजिलेंस कमीशन के दिशा निर्देशों का उल्लंघन होने के आरोप लगे और टेंडर रद कर दिया गया।

सरकार ने इसमें टेंडर की प्रक्रिया को भी बदला। इसमें फाइनेंशियल बिड और टेक्निकल बिड को एक साथ किया गया, मगर फिर भी कोई लाभ नहीं हुआ। अब पांच वर्ष के इंतजार के बाद इस प्रोजेक्ट का शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नींव का पत्थर रखा हैं। जोजिला दर्रे पर टनल का निर्माण सामरिक दृष्टि से काफी अहम है। लद्दाख देश के लिए काफी महत्वपूर्ण है। समारोह में मोदी ने कहा कि 25,000 करोड़ रुपये की इस परियोजनाओं से राज्य के त्वरित विकास की दिशा में केंद्रीय और राज्य सरकारों की प्रतिबद्धता को दिखाया।

अपनी सरकार बनाने के बाद देश में किए गए विकास कार्यों पर उन्होंने कहा कि 18,000 गांव जिन्हें स्वतंत्रता के बाद सत्ता नहीं मिली है उन्हें 1,000 दिनों के भीतर विद्युत कनेक्टिविटी दी गई है। उन्होंने कहा कि देश में चार करोड़ परिवार हैं जिनके पास स्वतंत्रता के 70 वर्षों के बाद भी बिजली नहीं है और उन्हें डेढ़ साल के भीतर बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे।

देश की सरहद एक ओर पाकिस्तान से जबकि दूसरी ओर चीन से मिलती है। सेना और अर्धसैनिक बल के जवान शून्य से तीस डिग्री कम तापमान में देश की सरहदों की रक्षा के लिए तैनात हैं। ऐसे में कश्मीर और लेह को साल भर खुला रखना सरकार की प्राथमिकता है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.