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कृषि कानूनों के खिलाफ यूथ कांग्रेस ने निकाला मशाल जुलूस

संवाद सहयोगी मीरां साहिब विक्रम नगर गाडीगढ़ में बुधवार को जम्मू कश्मीर सिख यूनिटी फोरम

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Dec 2020 05:00 AM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 05:00 AM (IST)
कृषि कानूनों के खिलाफ यूथ कांग्रेस ने निकाला मशाल जुलूस
कृषि कानूनों के खिलाफ यूथ कांग्रेस ने निकाला मशाल जुलूस

जागरण संवाददाता, जम्मू : तीन कृषि कानूनों के खिलाफ यूथ कांग्रेस ने मशाल जुलूस निकाला। कार्यकर्ताओं का कहना था कि पार्टी पूरी तरह उन किसानों के साथ हैं जो दिल्ली में इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन पर डटे हुए हैं। प्रदर्शन का नेतृत्व संगठन के प्रधान उदय चिब और बबर अली ने किया।

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उन्होंने कहा कि किसान एक माह से कड़ाके की ठंड में आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार किसानों की आवाज को नहीं सुन रही है। उनका कहना था कि मोदी सरकार इन तीनों कृषि कानूनों को कुछ अपने चहेते पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाई है। इसलिए वे इसे वापस नहीं लेना चाह रहे हैं। उदय चिब ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को गुमराह करने में जुटे हुए हैं। 2014 में सत्ता में आने से पहले दो करोड़ नौकरियां देने का उन्होंने वादा किया था, लेकिन जब से भाजपा सरकार आई है, रोजगार कम होते गए। किसानों की आमदनी दोगुनी करने का उनका वादा भी जुमला साबित हुआ। इसके बाद भी किसान विरोध तीन कृषि कानून बना दिया, जिससे नाराज होकर किसान एक माह से आंदोलन कर रहे हैं। अब किसानों के इस आंदोलन को मजदूरों, नौजवानों, दलितों, महिलाओं और सभी धर्मो के लोगों का समर्थन मिलने लगा है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी, किसानों का आंदोलन नहीं खत्म होगा।

तीनों कृषि कानूनों को रद कर किसानों का धरना खत्म करवाए सरकार

संवाद सहयोगी, मीरां साहिब : विक्रम नगर गाडीगढ़ में बुधवार को जम्मू कश्मीर सिख यूनिटी फोरम के पदाधिकारियों की एक बैठक फोरम के राज्य महासचिव बलवीर सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों के मसलों को जल्द से जल्द सुलझाने की मांग की गई। फोरम के महासचिव बलबीर सिंह ने कहा कि बड़े अफसोस की बात है कि भीषण सर्दी में भी किसान पिछले कई दिन से तीन कृषि कानूनों को रद करवाने की मांग पर दिल्ली की सीमा पर सड़क पर धरना दे रहे हैं, लेकिन सरकार के कानों तक उनकी आवाज नहीं पहुंच रही है।

उन्होंने कहा कि कड़ाके की ठंड में अब तक कई किसानों की जान चली गई, लेकिन सरकार चैन की बंसी बजा रही है। बलवीर सिंह ने कहा कि कुछ दिन पहले भी फोरम की ओर से एक रैली निकालकर एसडीएम साउथ को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन अब तक किसानों का मसला हल नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि देश के अन्नदाता के साथ यह व्यवहार साबित करता है कि सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द किसानों का मसला हल करे और तीनों कृषि कानूनों को रद करे। ऐसा नहीं होने पर सीमावर्ती किसान भी अपने भाइयों के लिए आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने को मजबूर होंगे। धरने पर बैठे किसानों की खेती प्रभावित हो रही है। इसलिए सरकार अपनी हठधर्मिता छोड़कर मामला जल्द से जल्द सुलझाने के लिए कदम उठाए। इस मौके पर बैठक में आशा सिंह, पवन सिंह, सतबीर सिंह, मोहनलाल, कृष्णलाल शर्मा, जगदीश लाल, रमेश कुमार, सुरजीत सिंह, गुरदीप सिंह आदि लोग उपस्थित थे।


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