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पुलिस के पहले में दंगल, काका पहलवान जीते

बिश्नाह थाना क्षेत्र के गांव बाग बस्सी में स्थित बाबा प्रयाग नाथ दरबार पर आयोजित होने वाले वार्षिक दंगल को पुलिस प्रशासन की देखरेख में आयोजित करवाया गया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 09:33 AM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 02:14 PM (IST)
पुलिस के पहले में दंगल, काका पहलवान जीते
पुलिस के पहले में दंगल, काका पहलवान जीते

संवाद सहयोगी, बिश्नाह। बिश्नाह थाना क्षेत्र के गांव बाग बस्सी में स्थित बाबा प्रयाग नाथ दरबार पर आयोजित होने वाले वार्षिक दंगल को पुलिस प्रशासन की देखरेख में आयोजित करवाया गया। मैदान को लेकर दो समुदायों में विवाद के कारण पुलिस सतर्क थी। दंगल में जम्मू कश्मीर व दूसरे राज्यों के पहलवानों ने अपनी दमदारी दिखाई।

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दंगल का पहला मुकाबला आरएसपुरा के काका पहलवान ने सरोर के पोतू पहलवान को हरा कर पहला खिताब जीता। दूसरा इनाम कालू पहलवान ने जीता। उसने सेठी पहलवान को हराया। दंगल में 40 के करीब मुकाबले करवाए गए। इस दंगल को कामयाब बनाने के लिए जम्मू प्रशासन की तरफ से सैकड़ों की तादाद में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।

इसमें दंगल को डिप्टी कमिश्नर अरुण मन्हास, एसपी हेड क्वार्टर्स रमेश कोतवाल, कमेटी के प्रधान सुदर्शन सलाथिया ने उदघाटन कर दंगल की शुरुआत करवाई व लोगों का स्वागत किया। बाबा प्रयाग नाथ दरबार पर बने दंगल के मैदान में पहलवानों पर पुरस्कारों को भी बौछार की गई।

ज्ञात हो कि भाग बस्सी दंगल वाले मैदान पर दो समुदाय के बीच विवाद चल रहा है। इसलिए जिला जम्मू की प्रशासनिक टीम इस दंगल जो करवाने का जिम्मा खुद संभालती है। इसके लिए डिप्टी कमिश्नर स्तर के अधिकारियों को मौके पर तैनात किया होता है। लगभग 200 पुलिसकर्मी अप्रिय घटना से निपटने के लिए लगाए जाते है। गद्दी के महंत बाबा सुंदरिया दास के झंडे की रस्म अदा की। इस मौके पर दंगल कमेटी के प्रधान सुदर्शन सलाथिया, तहसीलदार गोपाल चंद, नायब तहसीलदार अर्जुन सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।

बंद कराई शराब की दुकानें

यह दंगल स्थल दो समुदायों के बीच विवाद का कारण बना हुआ है। इसलिए यहां पर कोई बड़ा विवाद न हो जाए, इसके लिए डीसी जम्मू ने बिश्नाह व बड़ी ब्राह्मणा क्षेत्र की सभी शराब की दुकानों को बंद कर देने की हिदायत दी थी। पिछले दो दिन से क्षेत्र की सभी वाइन शॉप बंद हैं। प्रशासन के ने यह फैसला किया था कि दंगल खत्म हो जाने के बाद अगले दिन ही शराब की दुकानें खुलेगी । प्रशासन नहीं चाहता था कि नशे में कोई है यहां उपद्रव मचाए। इसलिए सभी शराब की दुकाने बंद रखी गई थी। 


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