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VIDEO: एडीजी सीआरपीएफ ने कहा कि आतंकियों द्वारा मस्जिदों का उपयोग करना बेहद निंदनीय है

एडीजी सीआरपीएफ ने कहा कि आतंकियों द्वारा मस्जिदों का उपयोग करना बेहद निंदनीय है। मस्जिद समितियों को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि आतंकियों द्वारा इनका इस्तेमाल न हो

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 09:27 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 12:03 PM (IST)
VIDEO: एडीजी सीआरपीएफ ने कहा कि आतंकियों द्वारा मस्जिदों का उपयोग करना बेहद निंदनीय है
VIDEO: एडीजी सीआरपीएफ ने कहा कि आतंकियों द्वारा मस्जिदों का उपयोग करना बेहद निंदनीय है

श्रीनगर, एएनआई। जम्मू-कश्मीर के सोपोर में आतंकी हमले में मारे गए सीआरपीएफ जवान को श्रद्धांजलि दी गई। कल सोपोर में सीआरपीएफ की टीम पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की थी। इस हमले में 3 जवान घायल और 1 जवान की मौत हो गई थी। जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों की चौकसी के चलते दहशतगर्दों की शामत आ चुकी है। इस दौरान जुल्फिकार हसन, एडीजी सीआरपीएफ ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी।

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सोपोर आतंकी हमले में शहीद होने वाले सीआरपीएफ जवान को पुलिस महानिरीक्षक कश्मीर ने श्रद्धांजलि दी। इस दौरान पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों के अधिकारियों ने भी शहीद को पुष्पांजलि अर्पित की। 

हमले में शहीद होने वाले सीआरपीएफ जवान को पुलिस महानिरीक्षक कश्मीर ने श्रद्धांजलि दी। इस दौरान पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों के अधिकारियों ने भी शहीद को पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान जुल्फिकार हसन, एडीजी सीआरपीएफ ने कहा कि जुल्फिकार हसन, एडीजी सीआरपीएफ ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। कुछ लोगों ने एक अफवाह फैलाने की कोशिश की है कि सीआरपीएफ ने उन्हें (एक नागरिक को) वाहन से बाहर निकाला और गोली मार दी। यह पूरी तरह से असत्य है। 

एडीजी सीआरपीएफ ने कहा कि आतंकियों द्वारा मस्जिदों का उपयोग करना बेहद निंदनीय है। मस्जिद समितियों को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि आतंकियों द्वारा इनका इस्तेमाल न होने पाए

जानकारी हो कि जम्मू-कश्मीर के सोपोर में बुधवार को आतंकी हमले में एक सीआरपीएफ का जवान शहीद हो गया जबकि तीन जवान घायल हो गए। हमले में एक नागरिक की जान भी चली गई। नागरिक का तीन साल का नाती भी फंस गया था जिसे सुरक्षाबलों ने जान पर खेलकर बचाया। वहीं सीआरपीएफ की गोली से नागरिक की जान जाने की बात को सीआरपीएफ एडीजी ने खारिज किया है। सीआरपीएफ एडीजी जुल्फिकार हसन ने कहा, 'यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण था। वह रोड काफी व्यस्त रोड है और दुर्भाग्य से वह नागरिक आतंकियों की फायरिंग में फंस गया। आतंकियों ने उसे मार दिया। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कुछ लोग मामले को घुमाने की कोशिश कर रहे हैं यह कहकर कि सीआरपीएफ उस नागरिक को गाड़ी से बाहर निकाला और गोली मार दी। यह बिल्कुल गलत है। मैं उस जगह पर गया था, लोगों से बात की, कई सारी टेक्निकल जानकारी और कैमरे की जांच के बाद पूरी जिम्मेदारी के साथ यह कह सकता हूं कि नागरिक की जान आतंकियों की गोली से गई।

सीआरपीएफ एडीजी ने कहा कि हमें पता है कि वहां क्या हुआ था। इसलिए मैं लोगों से गुजारिश करूंगा कि उन्हें आतंकियों को इसके पीछे जिम्मेदार ठहराना चाहिए क्योंकि वे मस्जिदों के अंदर छिपे थे। बुजुर्ग नागरिक की मस्जिद में छिपे आतंकी ने गोली मारकर हत्या कर दी। इसमें सीआरपीएफ के शामिल होने का सवाल नहीं उठता। वास्तव में सीआरपीएफ ने बहुत संयम के साथ ऑपरेशन संभाला ताकि मस्जिद में कोई नुकसान न हो।

उधर, जम्मू-कश्मीर पुलिस आईजी के साथ सुरक्षाबलों ने हमले में शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी। बता दें कि बुधवार को सोपोर में आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर घात लगाकर हमला किया था। दोनों तरफ से गोलीबारी में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया जबकि आतंकियों ने एक आम नागरिक की भी हत्या कर दी। जिस शख्स की हत्या हुई वह अपने नाती को लेकर कहीं जा रहे थे। गोली लगने के बाद शख्स जमीन पर गिरा हुआ था। खून से लथपथ शरीर के पास उनका नाती बैठा रहा। सोशल मीडिया पर यह दिल दहलाने वाली तस्वीर सामने आई। जानकारी के मुताबिक, एनकाउंटर शुरू होने से पहले ही आतंकियों ने बच्चे के नाना को गोली मार दी। बच्चे को बचाने के बाद उसके घर पहुंचा दिया गया है।


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