संवाद सहयोगी, रियासी: उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे परियोजना में कटड़ा धर्म के बीच चल रहे रेलवे कार्यों में कई चुनौतीपूर्ण कार्यों को पूरा कर लिया गया है। उन्हीं में से रियासी रेलवे स्टेशन का निर्माण कार्य भी अब अंतिम चरण पर है। लेकिन उससे पहले स्टेशन का नामकरण कर दिया गया है।
गणतंत्र दिवस के दिन परियोजना के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव आफिसर एसपी माही ने रियासी रेलवे स्टेशन का साइन बोर्ड लगाने के बाद स्थानीय लोग न केवल खुश हैं, बल्कि उन्हें यह भी उम्मीद है कि यहां रेलवे स्टेशन होने से उन्हें रोजगार कमाने के अवसर भी मिल सकेंगे। रियासी का यह रेलवे स्टेशन ग्रां मोड़ इलाके में है जो पुल नंबर-39 और टनल नंबर-5 के बीच है।
इस रेलवे स्टेशन की यह है खासियत
कटड़ा से श्रीनगर की तरफ जाते समय पहले पुल नंबर 39 को पार करने के बाद रेल टनल नंबर 5 के बीच से होकर गुजरेगी। इस रेलवे स्टेशन की एक खासियत यह भी है कि जब यहां ट्रेन खड़ी होगी तो उसका कुछ हिस्सा पुल नंबर 39 पर तो कुछ हिस्सा टनल नंबर 5 के बीच होगा।
इसके लिए टनल नंबर-5 का काम पूरा कर लेने के बाद इसके फेस एक की तरफ से टनल को चौड़ा करने का फिर से काम किया गया था। अब ट्रैक पर पटरी बिछाने और लाइटिंग का काम प्रगति पर है। रियासी रेलवे स्टेशन के दक्षिण दिशा में ग्रां मोड़ सूला नाले पर बन रहा पुल नंबर-39 देश के पांच सबसे ऊंचे पुलों में शामिल है।
रोमांचक होगा कटड़ा धर्म सेक्शन का सफर
पुल की कुल लंबाई 490 मीटर है। इस मेगा पुल की खासियत यह भी है कि दो लाइनों और प्लेटफार्म वाला रियासी यार्ड का काफी हिस्सा इसी पुल पर है। इससे आगे के सफर में इस पुल व रेलवे यार्ड को पार कर ट्रेन सीधे उत्तर दिशा में टनल नंबर-5 से गुजरेगी जो छह किलोमीटर लंबी है।
इस टनल का निर्माण कार्य मैक्स इंफ्रा केयर आफ नारा कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किया गया है। टनल के फेस-2 पर बक्कल गांव में जाकर ट्रेन टनल से बाहर निकलेगी। कटड़ा-धर्म सेक्शन के बीच 16 टनल और 22 पुल होंगे। 47.8 किलोमीटर के इस रास्ते में 41 किलोमीटर सफर टनल और चार किलोमीटर सफर पुल पर होगा।
केवल 2.8 किलोमीटर सफर ही जमीन पर होगा। इससे अंदाजा लग सकता है कि अधिकांश सफर पुल और टनल से होने के कारण यह सफर यात्रियों के लिए यादगार और रोमांचक होगा।