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2000 करोड़ की सब्सिडी बंद होने से जम्मू-कश्मीर का लघु उद्योग संकट में Jammu News

जीएसटी लागू होने से पहले राज्य के लघु उद्योग को 1700 से 2000 करोड़ रुपये की सालाना सब्सिडी मिलती थी जो अब बंद हो चुकी है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 21 Jun 2019 11:50 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2019 12:30 PM (IST)
2000 करोड़ की सब्सिडी बंद होने से जम्मू-कश्मीर का लघु उद्योग संकट में Jammu News
2000 करोड़ की सब्सिडी बंद होने से जम्मू-कश्मीर का लघु उद्योग संकट में Jammu News

जम्मू, जागरण संवाददाता। जुलाई 2017, जब से राज्य में जीएसटी लागू हुआ है, उस दिन से स्थानीय लघु उद्योग को मिलने वाली सब्सिडी बंद हो गई है। सब्सिडी बंद होने से राज्य का लघु उद्योग संकट में आ चुका है और अगर केन्द्र व राज्य सरकार ने इसे बचाने के लिए समय रहते कदम नहीं उठाए तो पहले से बेरोजगारी की मार झेल रहे जम्मू-कश्मीर में रोजगार के मुख्य स्रोत उद्योग से भी लोग बेरोजगार हो जाएंगे। जीएसटी लागू होने से पहले राज्य के लघु उद्योग को 1700 से 2000 करोड़ रुपये की सालाना सब्सिडी मिलती थी जो अब बंद हो चुकी है।

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नया उद्याेग लगाने वालों में आई कमी

यहीं कारण है कि राज्य में 2017 के बाद नया उद्योग लगाने वालों की संख्या में भारी कमी दर्ज हो रही है। वर्ष 2016-17 व 2017-18 की बात करें तो इस अवधि के दौरान जम्मू संभाग में करीब 400 नए उद्योग स्थापित हुए जिनसे करीब 2400 लोगों को रोजगार मिला लेकिन वर्ष 2018-19 में यह आंकड़ा आधा भी नहीं रहा। वर्ष 2018-19 में जम्मू संभाग में मात्र 140 नई औद्योगिक इकाईयों ने उत्पादन आरंभ कर करीब 1325 लोगों को रोजगार मुहैया करवाया।

केंद्रीय पैकेज में लघु उद्योग काे किया गया नजरंदाज

जीएसटी लागू होने के बाद केन्द्रीय पैकेज में करीब 400 बड़े उद्योगों को बचाने के लिए तो मदद दी गई लेकिन करीब छह हजार छोटी इकाइयाें को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया। इन इकाइयों में हजारों लोग काम कर रहे है। सरकार करीब 400 बड़ी इकाइयों को माल ढुलाई और दो प्रतिशत वित्तिय सहायता भी दे रही है जबकि छोटी इकाइयों को ऐसी कोई मदद नहीं दी जा रही है। छोटी व लघु इकाइयां राज्य की रीढ़ की हड्डी है जो पिछले तीस सालों से आतंकवाद के कारण पहले ही प्रभावित हैं। राज्य सरकार ने इन इकाइयों को वैट में छूट दी थी। जीएसटी के पहले इन इकाइयों को वित्तीय प्रोत्साहन मिलता रहा है लेकिन जीएसटी के बाद इसे बंद कर दिया गया। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने हाल ही में राज्य सरकार की ओर से जो पैकेज घोषित किया गया, उसमें भी केवल उन्हीं को लाभ मिलेगा जो 50 करोड़ या उससे अधिक का निवेश करते हैं। ऐसे में लघु उद्योग इस पैकेज से भी वंचित रह गए। लिहाजा यह जरूरी है कि सरकार छोटे उद्योगों को बचाने के लिए अपने पैकेज में आवश्यक संशोधन करें।

छोटे उद्योगों को नहीं मिल रहा आर्थिक पैकेज का लाभ

राज्य सरकार की ओर से वीरवार को सब्सिडी रिफंड के तहत 100 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। इसके तहत जिन इकाईयों ने जीएसटी भरा था, उन्हें राज्य सरकार अपने हिस्से का 50 फीसद टैक्स वापस करेगी। इसका लाभ भी केवल उन्हीं औद्योगिक इकाईयों को मिलेगा जो केन्द्रीय पैकेज के तहत पंजीकृत है। ऐसे में राज्य के करीब छह हजार लघु उद्योग भी इस लाभ से वंचित रह जाएंगे। लघु उद्योग का सबसे बड़ा संकट यहीं है कि आज इन्हें केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से घोषित किसी भी आर्थिक पैकेज का उचित लाभ नहीं मिल रहा।

इकाइयां बंद करने को मजबूर उद्योगपति

फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज जम्मू के पूर्व चेयरमैन व बड़ी ब्राह्मणा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान ललित महाजन के अनुसार केन्द्र व राज्य सरकार को जम्मू-कश्मीर में नया उद्योग लगाने या मौजूदा का विस्तार करने पर पहले की तरह आर्थिक मदद मुहैया करवानी चाहिए। जीएसटी लागू होने के बाद उद्योग को पुरानी रियायत पूर्ण रूप से बहाल नहीं की गई। नतीजतन नया उद्योग लगना तो दूर, पुरानी कई इकाईयां भी बंद होने लगी है। जिन लोगों ने उद्योग के लिए जमीन खरीदी थी, वो भी वापस दे रहे हैं। 

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