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जंगल से सटे खेतों में फसल चौपट कर रहे जंगली जानवर और पक्षी

संवाद सहयोगी रामगढ़ कंडी क्षेत्र के जंगलों में तेजी से बढ़ते जंगली जानवरों व पक्षियों की सं

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 06:00 AM (IST)
जंगल से सटे खेतों में फसल चौपट कर रहे जंगली जानवर और पक्षी
जंगल से सटे खेतों में फसल चौपट कर रहे जंगली जानवर और पक्षी

संवाद सहयोगी, रामगढ़: कंडी क्षेत्र के जंगलों में तेजी से बढ़ते जंगली जानवरों व पक्षियों की संख्या किसानों के लिए परेशानी का सबब बनने लगी है। दिन के समय जंगली पक्षी मोर, तीतर, बटेर आदि किसानों के खेतों में डाला गया बीज खाने उमड़ पड़ते हैं। वहीं, रात में सुअर, नील गाय, खरगोश आदि अंकुरित फसल को नष्ट करने का काम कर रहे हैं। विजयपुर क्षेत्र के सलमेरी, पेखडी, कैलख, रांजडी, संगवाल, बदवाल, गुडा, उत्तरवाहिनी, सुचानी अन्य में पिछले कुछ साल में मोर, नील गाय, सुअर व खरगोश की संख्या तेजी से बढ़ी है। पहले बडे़ जंगलों में इन जानवरों व पक्षियों का बसेरा रहता था, लेकिन जिस तेजी से वन्य संपदा का नाश हो रहा है, उससे इन जीवों को अपने ठिकाने बदलने पर मजबूर होना पड़ रहा है। जंगलों में असुरक्षित महसूस होने पर ये पक्षी और जंगली जानवर अब गांवों व रिहायशी क्षेत्रों में अपना ठिकाना बनाने लगे हैं। यही वजह है कि अचानक इनकी संख्या काफी बढ़ गई है, जिनका सबसे ज्यादा किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। ये जंगली पशु-पक्षी जंगल से सटे खेतों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। यदि वहां उनको भरपूर भोजन मिल जाता है, तो वे आगे नहीं बढ़ते। इनसे अपनी फसलों को बचाने में किसान असहाय नजर आ रहा है।

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किसान रतनलाल, सिकंदर कुमार, राज कुमार, जैंबल सिंह, यशपाल सिंह, नजीर अहमद, सादिक अली, अमीन मलिक आदि ने बताया कि कंड़ी इलाके में वे बड़ी मुश्किल से फसल उपजाते हैं। ऐसे में यदि एक सीजन की फसल भी जंगली पशु-पक्षी बर्बाद कर देते हैं, तो उनके लिए बहुत मुश्किल हो जाती है। उन्होंने इस मामले में सरकार से दूरगामी रणनीति बनाने की मांग की है।


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