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क्यों क्लस्टर विश्वविद्यालय जम्मू के पीजी का अकादमिक सत्र देरी से होगा शुरू, पढ़ें क्या है पूरा मामला

विवि में एमएड सहित नौ पीजी कोर्स चलाए जा रहे हैं जिसमें एमकाम एमए इंग्लिश एमएससी जियोलॉजी एमए व एमएससी मैथेमेटिक्स एमए म्यूजिक एमएससी फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी एमएड व एकीकृत बीएड-एमएड कोर्स शामिल हैं। कोरोना से उपजे हालात के कारण इस बार एंट्रेंस टेस्ट आयोजित नहीं किया गया था।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Wed, 15 Dec 2021 06:45 PM (IST)Updated: Wed, 15 Dec 2021 06:45 PM (IST)
क्यों क्लस्टर विश्वविद्यालय जम्मू के पीजी का अकादमिक सत्र देरी से होगा शुरू, पढ़ें क्या है पूरा मामला
विश्वविद्यालय 16 से 21 दिसंबर तक पीजी में दाखिले के लिए दस्तावेजों की जांच करेगा।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। क्लस्टर विश्वविद्यालय जम्मू का पोस्ट ग्रेजुएट अकादमिक सत्र पिछले साल की तरह इस बार भी करीब पांच महीने देरी से शुरू होगा। पीजी में दाखिला प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। विश्वविद्यालय 16 से 21 दिसंबर तक पीजी में दाखिले के लिए दस्तावेजों की जांच करेगा।

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विवि में एमएड सहित नौ पीजी कोर्स चलाए जा रहे हैं जिसमें एमकाम, एमए इंग्लिश, एमएससी जियोलॉजी, एमए व एमएससी मैथेमेटिक्स, एमए म्यूजिक, एमएससी फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी, एमएड व एकीकृत बीएड-एमएड कोर्स शामिल हैं। कोरोना से उपजे हालात के कारण इस बार एंट्रेंस टेस्ट आयोजित नहीं किया गया था अकादमिक सत्र करीब पांच महीने देरी से चल रहा है। दिसंबर में दाखिला प्रक्रिया के संपन्न होने के बाद जनवरी में नई कक्षाएं लगेगी। क्लस्टर विश्वविद्यालय ने अंडर ग्रेजुएट की दाखिला प्रक्रिया को निर्धारित समय पर पूरा कर दिया था।

अंडर ग्रेजुएट की ऑफलाइन कक्षाएं चल रही है। क्लस्टर विश्वविद्यालय जम्मू के अधीन पांच कालेज आते हैं जिसमें साइंस कालेज, मौलाना आजाद मेमोरियल कालेज, महिला कालेज गांधी नगर, कामर्स कालेज, गवर्नमेंट कालेज आफ एजूकेशन शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ जम्मू विश्वविद्यालय की पीजी दाखिला प्रक्रिया देरी से चल रही है।

जम्मू विश्वविद्यालय में पीजी के दाखिले किए जा रहे है। भले ही पचास फीसद दाखिला प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है और ऑफलाइन कक्षाएं बीस दिसंबर से शुरू हो जाएगी मगर दाखिला प्रक्रिया को पूरा होने में अभी बीस दिन का समय और लगेगा। जनवरी के मध्य तक ही दाखिले संपन्न होंगे। ऐसे में पहले सेमेस्टर की परीक्षा समय पर करवाना चुनौती से कम नहीं है। अकादमिक सत्र में देरी से पूरी पढ़ाई की व्यवस्था प्रभावित हो गई है। विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक व ज्ञानवर्धक गतिविधियां प्रभावित हो गई हैं।


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