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Jammu Kashmir: जैविक सुपर मार्केट की तरह होते हैं वेटलैंड: गर्ग

जम्मू यूनिवर्सिटी की ओर से बुधवार को वेटलैंड पर वेबिनार आयोजित किया गया। पर्यावरण विज्ञान विभाग और ग्रीन कैंपस टॉस्क फोर्स ने यह सेमिनार आयोजित किया। इसमें वेटलैंड विशेषज्ञ प्रो. जेके गर्ग विशेष रूप से मौजूद थे। उन्होंने दुनिया भर में वेटलैंड की स्थिति पर चर्चा की।

By Edited By: Published: Thu, 01 Jul 2021 07:16 AM (IST)Updated: Thu, 01 Jul 2021 07:35 AM (IST)
Jammu Kashmir: जैविक सुपर मार्केट की तरह होते हैं वेटलैंड: गर्ग
गर्ग ने कहा कि वेटलैंड दुनिया में सबसे अधिक उत्पादक पारिस्थितिक तंत्रों में से हैं।

जम्मू, जागरण संवाददाता : जम्मू यूनिवर्सिटी की ओर से बुधवार को वेटलैंड पर वेबिनार आयोजित किया गया। पर्यावरण विज्ञान विभाग और ग्रीन कैंपस टॉस्क फोर्स ने यह सेमिनार आयोजित किया। इसमें वेटलैंड विशेषज्ञ प्रो. जेके गर्ग विशेष रूप से मौजूद थे। उन्होंने दुनिया भर में वेटलैंड की स्थिति पर चर्चा की। गर्ग ने कहा कि वेटलैंड दुनिया में सबसे अधिक उत्पादक पारिस्थितिक तंत्रों में से हैं।

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उन्हें जैविक सुपरमार्केट के रूप में माना जा सकता है, क्योंकि वे बड़ी मात्रा में भोजन प्रदान करते हैं, जो सूक्ष्मजीवों, पौधों, कीड़ों, उभयचर, पक्षियों, मछलियों और स्तन धारियों सहित कई प्रजातियों को आकर्षित करते हैं। वेटलैंड जल विज्ञान और विभिन्न जैव-भू-रासायनिक चक्रों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और असंख्य पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं प्रदान करते हैं। वे बाढ़ और सूखे के खिलाफ एक प्राकृतिक स्पंज के रूप में काम करते हैं।

वेटलैंड हमारे समुद्र तटीय इलाकों की रक्षा करते हैं और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करते हैं

वेटलैंड हमारे समुद्र तटीय इलाकों की रक्षा करते हैं और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करते हैं। गर्ग ने वेटलैंड्स के महत्व को समझाते हुए सामने आने वाले विभिन्न खतरों और उनके तेजी से क्षरण और गायब होने के कारणों पर भी चर्चा की। प्रो. गर्ग ने अपनी प्रस्तुति में वेटलैंड्स के मूल्यांकन, संरक्षण और बहाली के लिए भू-स्थानिक उपकरणों के उपयोग पर जोर दिया।

पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो. पीयूष मालवीय ने स्वागत भाषण में वेबिनार के विषय और विशेषज्ञ का संक्षिप्त परिचय दिया। डा. दीपिका सलाथिया, वरिष्ठ सहायक पर्यावरण विज्ञान विभाग ने कार्यक्रम की कार्यवाही का संचालन किया और औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

प्रो. आरके रामपाल, प्रो. एके रैना, डा. राकेश अत्री, डा. नीरज शर्मा, डा. मीनाक्षी खजूरिया, विश्वविद्यालय के अन्य विभागों के संकाय सदस्य, भारत भर के अन्य विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक और शिक्षाविद, जम्मू-कश्मीर सरकार के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी, इस कार्यक्रम में विद्वानों, छात्रों और नागरिक समाज के सदस्यों ने भाग लिया।


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