हमको गोलाबारी से डर लगता है, अब नहीं जाना चाहते हैं घर
बच्चों पर गहरा आघात कर रही गोलीबारी, कहा-पता नहीं पाकिस्तान क्यों और किस लिए आए दिन करता है गोलीबारी
आरएसपुरा, [दलजीत सिंह]। सीमा पर गोलीबारी से प्रभावित लोगों के लिए प्रशासन द्वारा स्थापित आइटीआइ कालेज शिविर के एक कमरे में तीन बच्चे मोबाइल पर गेम खेल रहे थे। पूछा तो बताया कि उनमें दो भाई सौरव और गौरव है व तीसरा उनके गांव का ही अभय है। तीनों ही सीमांत गांव अब्दाल के रहने वाले हैं। सीमा पर चार दिन लगातार गोलीबारी के बीच गोले उनके गांव में भी गिरे, तो पूरा गांव बचने के लिए शिविर में है।
अभय ने बताया कि उसकी उम्र करीब 15 साल है वो सातवीं कक्षा में पढ़ता है। हालांकि, उनके गांव में पहली बार गोले गिरे हैं पर उसको गोलीबारी से बड़ा डर लगता है। उन्होंने बताया कि गोलीबारी के बीच उसको बहुत गुस्सा आता है और वो भी सेना में जाकर पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देना चाहते हैं। दोनों भाई गौरव व सौरव जो 7वीं व 8वीं कक्षा के छात्र हैं, ने बताया कि सीमा पर गोलीबारी से उनको बहुत डर लगता है। इस लिए वे घर नहीं जाना चाहते हैं। दोनों भाइयों ने बताया कि उन्हें नहीं पता पाकिस्तान क्यों और किसलिए आए दिन गोलीबारी करता है।
हमे भी पता चल गया कि पाक कौन से हथियार प्रयोग करता है :
तीनों बच्चों से बात कर बाहर ही निकले तो एक कमरे के बाहर गांव गोपढ़ बस्ती निवासी ऋतक शर्मा भी मिल गया। उसने बताया कि उसके गांव में भी इन चार दिनों में काफी गोले गिरे। पिछली बार की गोलीबारी में तो उसकी बुआ की टांग को गोली लग गई थी। उसे बहुत डर लगता है। 8वीं कक्षा में पढ़ाने वाले ऋतक ने बताया कि अब तो कहीं भी कोई धमाका हो तो वो सहम जाता है। उसने बताया कि सीमा पर आए दिन गोलीबारी से अब तो उसे यह भी पता लग गया है कि पाकिस्तान कौन-कौन सा हथियार सीमा पर इस्तेमाल करता है।
अब तो आतिशबाजी से भी डरने लगे हैं
आइटीआइ कॉलेज में बने शिविर में गांव अब्दाल निवासी राकेश सिंह ने बताया कि उसके 2 बच्चे हैं पर इस गोलीबारी से बच्चों की मानसिकता पर बहुत असर पड़ रहा है। उसने बताया कि अब तो दिवाली या फिर विवाह शादी में भी आतिशबाजी होने पर बच्चे डर जाते हैं। वो कहते हैं कि सीमा पर पाकिस्तान ने गोलीबारी शुरू कर दी है।
गोलाबारी से सहमे बच्चे
आइटीआइ कॉलेज में बने शिविर के एक कमरे में बैठे बच्चे बोले, हम भी सेना में जाकर पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देना चाहते हैं।