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SRINAGAR: बारिश के बाद झेलम व उसकी शाखाएं उफान पर, अर्ल्ट जारी

अधिकारियों का कहना है कि अगर बाढ़ की संभावना पैदा होती है तो सभी इलाकों को खाली करवा लिया जाएगा। लोगों को इसके लिए तैयार रहने के लिए पहले से ही कह दिया गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 12 Jun 2019 04:07 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jun 2019 04:07 PM (IST)
SRINAGAR: बारिश के बाद झेलम व उसकी शाखाएं उफान पर, अर्ल्ट जारी
SRINAGAR: बारिश के बाद झेलम व उसकी शाखाएं उफान पर, अर्ल्ट जारी

श्रीनगर, जेएनएन। कश्मीर में रातभर हुई बारिश के बाद झेलम का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। दरिया के लगातार बढ़ते जलस्तर को देख स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है। वहीं प्रशासन ने भी खतरे को भांपते हुए बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। झेलस के साथ लगते रिहायशी इलाकों में अर्ल्ट जारी कर दिया है। यही नहीं लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर जाने की हिदायत भी दे दी गई है।

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दक्षिणी कश्मीर के संगम गेज में दोपहर तीन बजे झेलम का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर 18.68 फीट पार कर चुका है। सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार यहां बाढ़ के खतरे का निशान 18 से 21 फीट है। अभी तक जलस्तर इसके बीच में है। फिर भी विभाग ने एहतियात के तौर पर यहां साथ लगते इलाकों में अर्ल्ट घोषित कर दिया है। परंतु जैसे ही यह 21 फुट के निशान को पार करता है, बाढ़ घोषित कर दी जाएगी और इलाकों को खाली करवाया जाएगा।

इसी तरह श्रीनगर के राम मुंशी बाग में भी जलस्तर खतरे के निशान से कुछ फीट ही कम है। यहां खतरे का निशान 16 से 18 फीट तय किया गया है जबकि अभी पानी का बहाव 14.16 फीट पर बह रहा है। इसमें बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा जिले के आशम में भी झेलम का जलस्तर फिलहाल खतरे से नीचे है। यहां खतरे 14 से 16 फीट है जबकि पानी का स्तर 8.96 फीट पर है।

इसी तरह झेलम की कुछ सहायक नदियां भी उफान पर हैं। सिंचाई विभाग के अनुसार खुडवानी में विशो नाले में पानी का स्तर 7.51 मीटर पर है, जोकि खतरे के निशान से ऊपर है। यहां खतरे का निशान 7.7 मीटर निर्धारित किया गया है। इसी तरह वाची में रामबियारा नाले में पानी 3.14 मीटर पर बह रहा है, यहां 5.7 मीटर खतरे का निशान रखा गया है। बटकूट में बहने वाला लिद्दर नाला भी उफान पर है। वह इस समय 1.57 मीटर पर बह रहा है जबकि सिंचाई विभाग ने इसके लिए खतरे का निशान 1.65 मीटर तय किया है।

सिंचाई विभाग ने खतरे को भांपते झेलम और उसकी शाखाओं पर कंट्रोल रूम स्थापित कर दिए हैं। पानी के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। यहीं नहीं इसके साथ रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोगों को भी समय-समय पर सचेत किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अगर बाढ़ की संभावना पैदा होती है तो सभी इलाकों को खाली करवा लिया जाएगा। लोगों को इसके लिए तैयार रहने के लिए पहले से ही कह दिया गया है।

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