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Jammu Kashmir : जलभराव से भयभीत गेट के आगे चढ़ा रहे दीवारें

शहर के अम्बेडकर नगर के रहने वाले बिक्रमजीत सिंह का कहना है कि मजबूरी में अब गेट के आगे दीवार लगानी पड़ रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 04:38 PM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 04:38 PM (IST)
Jammu Kashmir : जलभराव से भयभीत गेट के आगे चढ़ा रहे दीवारें
Jammu Kashmir : जलभराव से भयभीत गेट के आगे चढ़ा रहे दीवारें

जम्मू, जागरण संवाददाता : बर्बादी का सबब बने जलभराव से भयभीत लोगों ने घरों के गेट के आगे दीवारें बनाना शुरू कर दी हैं। इतना ही नहीं घरों से निकल कर नाली में पड़ने वाली पाइपों के सिरे भी ट्यूब से बंद कर रहे हैं ताकि दोबारा पानी घरों में न घुसे। 

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लाखों रुपये का नुकसान होने के बावजूद प्रशासन की तरफ से कोई राहत नहीं मिलने के चलते यह लोग भयभीत हैं। उन्हें डर है कि कहीं दोबारा ऐसी बारिश हुई तो वे कहीं के नहीं रहेंगे। पहले ही घरों का अधिकतर सामान बर्बाद हो चुका है। खाने-पीने की चीजें तक नहीं बची थीं। इतना ही मकानों की नींव धंसने का खतरा भी सताने लगा है।

शहर के अम्बेडकर नगर के रहने वाले बिक्रमजीत सिंह का कहना है कि मजबूरी में अब गेट के आगे दीवार लगानी पड़ रही है। न तो कॉरपोरेटर, न मेयर और न ही जिला प्रशासन सालों बाद भी कुछ कर पाया। नाला चौड़ा, गहरा नहीं किया। नालियां भी भर चुकी हैं। अब पानी घरों में घुस रहा है। अभी दो घंटे की बारिश ही हुई थी। कहीं ज्यादा बारिश हुई तो कम कहीं के नहीं रहेंगे। वहीं त्रिकुटा नगर एक्सटेंशन के रहने वाले राम कुमार ने भी घर के गेट के आगे दीवार चढ़ा दी है ताकि घर में बारिश में कोई नुकसान न हो। वह कहते हैं कि बहुत नुकसान हुआ। कोई पूछ भी नहीं रहा। मेयर ने भी क्षेत्र का दौरा किया लेकिन उस दिन के बाद कोई सुध लेने नहीं पहुंचा। उस दिन कर्मचारी काम करते दिखे। उसके बाद फिर वही हाल। हमें ही अपनी सुरक्षा खुद करनी पड़ेगी।

परेशान कर रहे कीचड़ और मलबे के ढेर

शहर के निचले क्षेत्रों में जलभराव के बाद फैले कीचड़ और मलबे को अभी तक हटाया नहीं जा सका है। नतीजतन गलियों में चलना मुश्किल हो रहा है। कुछ स्थानों पर निगम कर्मियों ने कीचड़ मलबा जमा तो किया लेकिन इसे उठाने के लिए कोई कुछ नहीं कर सका। गंग्याल, डिग्याना, रूपनगर, अम्बेडकर नगर, त्रिकुटा नगर एक्सटेंशन सेक्टर 2ए में अभी भी मलबे से आई मिट्टी सड़कों पर पड़ी है। लोग चाहते हैं कि प्रशासन बिना देरी ऐसे प्रबंध करे कि मलबा उठ सके क्योंकि अगर दोबारा बारिश हुई तो फिर नालियां भर जाएंगी। जलभराव का खतरा होगा।

कुछ तो मदद करे सरकार

जलभराव से हमारा बहुत नुकसान हुआ है। किसी ने हमारे नुकसान का जायजा नहीं लिया। न ही हमें कभी कोई राहत मिली है। अम्बेडकर नगर वासी राजेंद्र सिंह का कहना है कि करीब बीस हजार रुपये का नुकसान हो चुका है। तनु महाजन का कहना है कि हमारे घर का सब बर्बाद हो गया। कोई मदद सरकार की तरफ से नहीं मिली। गरीबों की मदद भी की जानी चाहिए। किसी बड़ी कोठी या रसूखदार के घर पानी गया होता तो अधिकारी भी आते। सूची बनती। फिर उन्हें रेडक्रास या प्रशासन की तरफ से राहत राशि भी दी जाती है। हमें भी कुछ मदद मिलनी चाहिए। 


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