स्वस्थ रहने का एक बेहतर माध्यम है वॉक, इसीलिए खूब चलें पैदल
दिन के समय सूर्योदय के बाद ही धूप में वॉक करने से स्वयं को स्वस्थ रखा जा सकता है क्योंकि केलोस्ट्रॉल बढ़ने से एक साथ कई बीमारियों का आसानी से शिकार होना संभव है।
जम्मू, जागरण संवाददाता। कहावत बहुत पुरानी है लेकिन यह सच है कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास रहता है। अगर हम थोड़ा सा समय निकालकर किसी भी समय वॉक पर निकलें तो यह हमारे लिए सोने पर सुहागे जैसी साबित होगी।
वॉक करने से एक तो मन प्रसन्न रहता है और दूसरा इससे थकान भी नहीं होती है। इसे बुजुर्ग तो आराम से अपनाकर स्वयं को चुस्त और तंदुरुस्त रख सकते हैं। आमतौर पर एक मिनट की वॉक में 60-70 कदम चलते हैं, ब्रिस्क वॉक में 90 कदम और इन्हीं कदमों की संख्या बढ़कर जॉगिंग में 200 के करीब पहुंच जाती है। इससे कोलेस्ट्रॉल भी नियंत्रण में रहता है। अक्सर कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हृदय रोग संबंधी बीमारियां होने का भय बना रहता है। इससे आंखों की स्थायी रोशनी को भी नुकसान पहुंचता है। ऐसे में अब सभी अपने स्वास्थ्य काे लेकर पहले की अपेक्षा और अधिक सजग और सचेत हो गए हैं।
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के सीसीयु विभाग के एचओडी एवं हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ सुशील कुमार शर्मा का मानना है कि जिन लोगों के पास व्यायाम करने और जिम में जाने का समय नहीं है उनके लिए वॉक स्वस्थ रहने का एक बेहतर माध्यम साबित हो सकती है। वॉक को किसी भी समय की जा सकती है लेकिन बुजुर्गों को सर्दियों में सुबह-सवेरे और शाम के समय इसको करने से परहेज करना चाहिए। दिन के समय सूर्योदय के बाद ही धूप में वॉक करने से स्वयं को स्वस्थ रखा जा सकता है क्योंकि केलोस्ट्रॉल बढ़ने से एक साथ कई बीमारियों का आसानी से शिकार होना संभव है। वॉक से शरीर में रक्त का संचार सही तरह से होता है।
हड्डियों के रोग से ग्रस्त मरीजों को प्रतिदिन 30 मिनट तक वॉक करनी चाहिए। इससे पूरे शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती है। उम्रदराज लोगों में मैमोरी लॉस और अल्जाइमर होने का खतरा कम होता है। ऐसे में वॉक सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है।