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Jammu Kashmir: रियासी में बहादुर ग्रामीणों ने घातक हथियारों से लैस लश्कर के दो दुर्दांत आतंकी दबोचे

रियासी जिला के तकसन गांव के लोगों ने लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों को दबोच लिया। इतना ही नहीं दोनों आतंकियों को रस्सियां के साथ बांधा और फिर इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी। जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने दो लाख रुपये इनाम राशि देने का एलान किया है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 10:53 AM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2022 09:34 PM (IST)
Jammu Kashmir: रियासी में बहादुर ग्रामीणों ने घातक हथियारों से लैस लश्कर के दो दुर्दांत आतंकी दबोचे
दोनों आतंकियों को रस्सियां के साथ बांधा और फिर इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी।

जागरण टीम, रियासी : जम्मू संभाग के रियासी जिले की माहौर तहसील से लगभग 25 किलोमीटर दूर टुक्सन इलाके में ग्रामीणों ने अपनी सजगता और बहादुरी का परिचय देते हुए घातक हथियारों से लैस लश्कर-ए-तैयबा के दो दुर्दांत आतंकियों को दबोच लिया। बाद में रस्सी से बांधकर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया। ग्रामीणों की इस बहादुरी पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उनकी प्रशंसा करते हुए उन्हें पांच लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है। वहीं, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने पुलिस की तरफ से ग्रामीणों को दो लाख रुपये इनाम देने का एलान किया।

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पकड़े गए आतंकियों में राजौरी जिले में हुए बम विस्फोटों का मास्टरमाइंड व लश्कर का पीर पंजाल रेंज का एरिया कमांडर तालिब हुसैन शाह पुत्र हैदर शाह निवासी दराज, बुद्धल (राजौरी) तथा फैजल अहमद डार पुत्र बशीर अहमद डार निवासी पुलवामा शामिल है। इसी साल मार्च-अप्रैल में राजौरी जिले में आतंकियों ने दहशत फैलाने के लिए एक के बाद एक चार धमाके किए थे। इन धमाकों में चार लोग घायल हुए थे। यह पूरा षड्यंत्र तालिब ने ही रचा था। यही नहीं, तालिब भाजपा से भी जुड़ा रहा है। इस संबंध में भाजपा का कहना है कि तालिब को इसी साल नौ मई को भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्च के इंटरनेट मीडिया विंग का जम्मू संभाग का प्रभारी बनाया गया था और उसने 27 मई को यह पद छोड़ दिया था।

जानकारी के अनुसार, दोनों आतंकी अपनी पीठ पर बैग लिए शनिवार दोपहर करीब तीन बजे टुक्सन के एक वन क्षेत्र में पहुंचे, जहां इन दिनों कई ग्रामीण अपने माल मवेशियों सहित ढोक (पहाड़ में रहने के लिए बना अस्थायी ठिकाना) में रह रहे थे। पहली नजर में आतंकियों को देखकर वहां मौजूद ग्रामीण को लगा कि यह कोई फेरी लगाने वाले हैं, लेकिन उनकी संदिग्ध गतिविधियों से उसे उन पर कुछ संदेह हो गया, जिसे उसने आतंकियों को जाहिर नहीं होने दिया। ग्रामीण ने सोचा कि वह अकेला दोनों को काबू में नहीं कर पाएगा। इसपर उसने चुपचाप मोबाइल फोन से संपर्क कर अपने कुछ और लोगों को तुरंत वहां आने को कहा।

करीब चार से पांच किलोमीटर का सफर तय कर कुछ और ग्रामीण वहां पहुंच गए। इससे पहले कि आतंकी संभल पाते, ग्रामीण उनसे निहत्थे ही भिड़ गए और दोनों आतंकियों को पकड़कर उन्हें रस्सी से बांधकर वहीं पर बिठा लिया। जब ग्रामीणों ने उन दोनों के बैग खोले तो उसमें हथियार व गोलाबारूद देखकर उनका संदेह सही साबित हुआ। ग्रामीणों ने इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस तथा सुरक्षा बल के जवान भी मौके पर पहुंच गए, जो पहले से ही इन आतंकियों के खोज अभियान में जुटे थे। उन्होंने दोनों आतंकियों को हिरासत में लेकर उनके हथियार भी अपने कब्जे में ले लिए। इसके बाद दोनों आतंकियों को माहौर लाया गया, जहां पुलिस के आला अधिकारी भी पहुंच गए थे।

आतंकियों से यह हुआ बरामद : आतंकियों से दो एके-47 राइफल, सात हथगोले, एक पिस्तौल व एके 47 राइफल की मैगजीन और राउंड भी बरामद हुए हैं। आतंकी कहां से आए, उनकी अगली मंजिल या षड्यंत्र क्या था? इसका पता लगाने के लिए पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों ने उनसे पूछताछ शुरू कर दी है।

उपराज्यपाल ने बहादुरी को किया सलाम : ग्रामीणों की बहादुरी को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सलाम किया। उन्होंने ट्विटर हैंडल पर लिखा- 'दो मोस्ट वांटेड आतंकियों को पकड़ने वाले रियासी के टुक्सन के ग्रामीणों की बहादुरी को मैं सलाम करता हूं। आम नागरिक का ऐसा संकल्प दिखाता है कि आतंकवाद का अंत दूर नहीं है। इसके लिए प्रदेश प्रशासन आतंकवाद के विरुद्ध बहादुरी दिखाने के लिए ग्रामीणों को पांच लाख रुपये इनाम देने की घोषणा करता है।'

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