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Jammu: वेद राही कुंवर वियोगी साहित्य-कला सम्मान से सम्मानित

वेद राही का जन्म जम्मू में हुआ और इन दिनों वह मुंबई में रहते हैं। राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लेखक हैं। जो डोगरी हिंदी और उर्दू भाषाओं में लिखते हैं। डोगरी में पंद्रह से अधिक मूल कामों को किया है। जिसमें उपन्यास लघु-कहानियां कविताए नाटक और निबंध आदि शामिल हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 07:00 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 07:00 PM (IST)
Jammu: वेद राही कुंवर वियोगी साहित्य-कला सम्मान से सम्मानित
प्रतिष्ठित लेखक एवं प्रसिद्ध निर्माता, निर्देशक वेद राही

जम्मू, जागरण संवाददाता : प्रतिष्ठित लेखक एवं प्रसिद्ध निर्माता, निर्देशक वेद राही को इस वर्ष के प्रतिष्ठित कुंवर वियोगी साहित्य कला सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान डोगरी संस्था जम्मू और कुंवर वियोगी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा एक साधारण लेकिन प्रभावशाली ऑनलाइन समारोह में दिया गया।

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साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के सचिव डॉ. श्रीनिवासराव, समारोह में मुख्य अतिथि थे। इस सम्मान की स्थापना पिछले साल की गई थी। पिछले वर्ष यह सम्मान डोगरी के महान लेखक साहित्य अकादमी पुरस्कारों से सम्मानित छत्रपाल को मरनोपरांत दिया गया था।

यह प्रतिष्ठित सम्मान साहित्य, कला और संस्कृति के क्षेत्र के एक प्रमुख व्यक्ति को उनके किसी भी क्षेत्र में उनके जीवनकाल के उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। इस वार्षिक सम्मान में प्रशस्ति पत्र, शाल, स्मृति चिन्ह और 51 हजार का नकद पुरस्कार शामिल हैं। इस सम्मान को कुंवर वियोगी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा डोगरी संस्था के सहयोग से स्थापित किया गया है।

वेद राही, जिनका जन्म जम्मू में हुआ और इन दिनों वह मुंबई में रहते हैं। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लेखक हैं। जो डोगरी, हिंदी और उर्दू भाषाओं में लिखते हैं। उन्होंने डोगरी में पंद्रह से अधिक मूल कामों को किया है। जिसमें उपन्यास, लघु-कहानियां, कविताए, नाटक और निबंध आदि शामिल हैं। इनमें से अधिकांश पुस्तकों के लिए वेद राही राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हो चुके हैं।

उन्हें लघु कहानी संग्रह ‘आले’ के लिए 1983 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। फिल्मों और टेलीविज़न में उनका योगदान समान रूप से महत्वपूर्ण है। जिन्होंने कई महत्वपूर्ण फिल्मों और टेली-धारावाहिकों का निर्देशन और स्क्रिप्ट लिखें हैं। उनका टेली सीरियल ‘गुल-गुलशन- गुलफाम’ राष्ट्रीय टेलीविजन के इतिहास में एक मील का पत्थर है। 

वेद राही ने, सम्मान के अपने स्वीकृति भाषण में, स्व. कुंवर वियोगी से जुड़ी यादें साझा की। उनकी याद में सम्मान शुरू करने के लिए स्व. कुंबर वियोगी के परिवार, डोगरी संस्था की सराहना करते हुए कहा कि यह साहित्य, कला की सच्ची सेवा है। इससे बहुत से कलाकार, साहित्यकार प्रोत्साहित होंगे। डोगरी भाषा और साहित्य को बढ़ावा मिलेगा। इस मौके पर वेद राही ने कुंवर वियोगी की एक कविता भी पढ़ी।

डा. श्रीनिवासराव ने अपने संबोधन में राही के साहित्यिक कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें वर्तमान समय के महान समकालीन भारतीय लेखकों में गिना। उन्होंने साहित्य की मानवीयता और जीवंतता पर भी गहरा प्रहार किया और वेद राही को सम्मानित करने के लिए कुंवर वियोगी मेमोरियल ट्रस्ट और डोगरी संस्था जम्मू की सराहना की।

स्वागत भाषण में, डोगरी संस्था के अध्यक्ष प्रो. ललित मगोत्रा ​​ने राही द्वारा किए गए अग्रणी कार्यों और डोगरी साहित्य में उनके उत्कृष्ट योगदान की बात की। उन्होंने डोगरी संस्था, जम्मू और कुंवर वियोगी मेमोरियल ट्रस्ट की गतिविधियों का भी संक्षिप्त वर्णन किया। उन्होंने युवा पीढ़ी से आग्रह किया कि वे साहित्य, कला और संस्कृति के क्षेत्र में अपना योगदान दें और खुले नए अवसरों का लाभ उठाएं। कार्यक्रम की शुरुआत में वंशिका, सारिका ने सरस्वती वंदना की सुंदर प्रस्तुति दी। कार्यवाही का संचालन विजया ठाकुर ने किया। 


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