अलगाववादियों का यूएनओ मार्च नाकाम
विश्व मानवाधिकार दिवस पर अलगाववादियों के संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओ) मार्च को सुरक्षाबलों ने नाकाम बना दिया।
जम्मू, [राज्य ब्यूरो] । विश्व मानवाधिकार दिवस पर अलगाववादियों के संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओ) मार्च को सुरक्षाबलों ने नाकाम बना दिया। वे कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाकर यूएनओ जाने का प्रयास कर रहे थे।
अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के यासीन मलिक ने मानवाधिकार दिवस पर कश्मीर बंद का आह्वान किया था और यूएनओ तक मार्च निकालने की घोषणा की थी। घाटी में मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर सोनावार इलाके में स्थित यूएनओ की तरफ मार्च करने की कोशिश की। यासीन मलिक लाल चौक सिटी सेंटर के पास अपने समर्थकों के साथ पहुंच गए। इससे पहले कि वह यूएनओ की तरफ जाते, सुरक्षाबलों ने उनके प्रयास को नाकाम बनाते हुए हिरासत में ले लिया।
इसके बाद कोठीबाग पुलिस स्टेशन में भेज दिया। वहीं, अवामी इत्तेहाद पार्टी के यूएनओ मार्च को भी सुरक्षाबलों ने विफल बना दिया। निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद के नेतृत्व में यह मार्च जवाहर नगर से शुरू हुआ। कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन बंद करो के नारे लिखी तख्तियां उठाए जैसे ही यह लोग राजबाग क्षेत्र में पहुंचे। वहां पर पहले से ही भारी संख्या में तैनात सुरक्षाबलों ने उन्हें रोक लिया। इस दौरान लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हल्का बलप्रयोग भी करना पड़ा। इसमें कुछ लोगों को हल्की चोटें आई। पुलिस ने विधायक इंजीनियर रशीद को हिरासत में ले लिया। इससे पहले विधायक ने आरोप लगाया कि नई दिल्ली ने कभी भी कश्मीर के लोगों की समस्याओं को हल करने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने कश्मीर के दोनों ओर के लोगों को रायशुमारी का अधिकार देने की भी मांग की।
कश्मीर रहा बंद, रेल सेवा भी बंद
मानवाधिकार दिवस पर अलगाववादियों के आह्वान पर कश्मीर बंद रहा। कश्मीर में अधिकांश स्थलों पर दुकानें और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहे। इस दौरान प्रदर्शनों को देखते हुए प्रशासन ने कई जगहों पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए थे। डाउन टाउन सहित कई क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू रही। वहीं, एहतियात के तौर पर कश्मीर में रेल सेवा भी बंद रही।