Union Territory Ladakh : विश्व की सबसे उंची एडवांस लैडिंग ग्राउंड डीबीओ मेें बजने लगी मोबाइल की घंटियां
पूर्वी लद्दाख में चीन की चुनौती का सामना करने में भी एडवांस लैडिंग ग्राउंड डीबीओ बहुत महत्व रखती है। वायुसेना के विमान चंद मिनटों में इस लैंडिंग ग्राउंड में सेना की जरूरत का साजो सामान उपकरण व सैनिकों को पहुंचा सकती है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : पूर्वी लद्दाख में भारतीय वायुसेना की विश्व की सबसे एडवांस लैडिंग ग्राउंड दौलत बेग ओल्डी डीबीओ में मोबाइल की घंटियां बजना शुरू हो गई हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन से सटे इलाकों में बेहतर संचार नेटवर्क स्थापित करने के अभियान के चलते भारतीय सेना की सिग्नल रेजीमेंट ने 17,500 फीट की उंचाई पर बीएसएनएल के मोबाइल टावर लगा दिए हैं।
पूर्वी लद्दाख में चीन की चुनौती का सामना करने में भी एडवांस लैडिंग ग्राउंड डीबीओ बहुत महत्व रखती है। वायुसेना के विमान चंद मिनटों में इस लैंडिंग ग्राउंड में सेना की जरूरत का साजो सामान, उपकरण व सैनिकों को पहुंचा सकती है। डीबीओ में अत्याधिक ठंडे माहौल में बर्फबारी के बीच भारत संचार निगम लिमिटेड के मोबाइल टावर स्थापित करने की बड़ी उपलब्धि सेना के त्रिशूल डिवीजन की सिग्नल रेजीमेंट के जवानों ने हासिल की है।
मोबाइल टावर लगने से क्षेत्र में तैनात वायुसेना व सेना की आपरेशनल तैयारियों को बल मिलेगा। इसके साथ वहां तैनात सैनिक व वायुसैनिक अपने परिजनों से आसानी से संपर्क स्थापित कर सकेंगे। पहले मोबाइल सिग्नल न होने के कारण खराब मौसम में वायुसेना, सेना के लिए संपर्क स्थापित करने में दिक्कतें आती थी। अब मोबाइल टावर लगने से इंटरनेंट सेवा भी उपलब्ध होगी।
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन अपने इलाके में बुनियादी ढांचे काे लगातार मजबूत बना रहा है। चीन ने वहां पर मोबाइल टावर लगाने के साथ 5जी सेवा भी शुरू कर दी है। हाल में ही चीन ने पूर्वी लद्दाख में 3 नए मोबाइल टावर लगाए हैं। ऐसे हालात में इस समय लद्दाख के सीमा से सटे इलाकों में भारतीय सेना के संचार नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में बड़े पैमाने पर काम हो रहा है।
गत दिनों भारतीय सेना ने पश्चिमी लद्दाख में सियाचिन ग्लेशियर में उन्नीस हजार फीट की उंचाई पर सेटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा शुरू की थी। यह सेवा शुरू होने से क्षेत्र में सेना की स्मार्ट सर्वेनांस, ड्रोन कंट्रोल जैसी गतिविधियों के आयोजन में लाभ मिलेगा।