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Jammu Kashmir : राजनीतिक दलों के दबाव में सरकार ने टाला रहबर योजनाएं निरस्त करने का फैसला

अब मुद्दा गर्माने के बाद सरकार ने कृषि खेल वन विभाग को जारी किए गए निर्देशों को भले ही ठंडे बस्ते में डाल दिया हो लेकिन उन्हें निरस्त करने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया है। ऐसे में रहबर योजनाओं के तहत नियुक्त युवाओं का प्रदर्शन जारी रहेगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 24 May 2022 07:53 AM (IST)Updated: Tue, 24 May 2022 07:53 AM (IST)
Jammu Kashmir : राजनीतिक दलों के दबाव में सरकार ने टाला रहबर योजनाएं निरस्त करने का फैसला
सरकार पर दवाब बनाया कि युवाओं को नौकरी से निकालने के बजाए उन्हें अपने अपने विभागों में स्थायी किया जाए।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : विपक्षी राजनीतिक दलों के दवाब व अस्थायी तौर पर सरकारी विभागों में तैनात युवाओं के प्रदर्शनों से उपजे हालात में जम्मू कश्मीर सरकार ने रहबर-ए-खेल, रहबर-ए-जिरात, रहबर-ए-जंगलात व नेशनल यूथ कोर में तैनात युवाओं की सेवाएं समाप्त करने के प्रस्ताव को टाल दिया है।

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सरकार ने संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए थे कि रहबर योजनाओं में अस्थायी तौर पर नियुक्त युवाओं की सेवाएं समाप्त कर पदों को भरने के लिए उन्हें जम्मू कश्मीर भर्ती बोर्ड को सौंप दिया जाए। अब मुद्दा गर्माने के बाद सरकार ने कृषि, खेल, वन विभाग को जारी किए गए निर्देशों को भले ही ठंडे बस्ते में डाल दिया हो, लेकिन उन्हें निरस्त करने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया है। ऐसे में रहबर योजनाओं के तहत नियुक्त युवाओं का प्रदर्शन जारी रहेगा।

19 मई को सरकार ने रहबर योजनाओं को लेकर 27 फरवरी, 2020 को गठित कमेटी की सिफारिशों का हवाला देते हुए विभागों के आयुक्त सचिवों को निर्देश जारी किए थे। उन्हें अस्थायी तौर पर नियुक्त युवाओं की सेवाएं समाप्त कर पदों को नए सिरे से भरने के लिए भर्ती बोर्ड को सौंपने की हिदायत देकर नौकरी कर रहे युवाओं को झटका दे दिया। इसके बाद यह मुद्दा गर्मा गया। रहबर योजनाओ के तहत वर्ष 2018 के बाद करीब साढ़े तीन हजार युवाओं को रहबर योजनाओं के तहत नौकरी मिली थी। इनमें से 2750 रहबर-ए-खेल योजना के तहत नियुक्त होकर खेलों को बढ़ावा दे रहे हैं।

उपराज्यपाल प्रशासन के फैसले को लेकर विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के साथ प्रदेश भाजपा भी प्रदर्शन कर रहे युवाओं के समर्थन में आ गई है। सोमवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को पत्र लिखकर जोर दिया कि रहबर योजनाओं के तहत नियुक्त युवाओं को विभागों में स्थायी किया जाए। इससे पहले पीडीपी प्रधान महबूबा मुफ्ती व अपनी पार्टी प्रधान अल्ताफ बुखारी ने भी इस मुद्दे पर कड़े तेवर दिखाए थे। उन्होंने ने भी सरकार पर दवाब बनाया था कि युवाओं को नौकरी से निकालने के बजाए उन्हें अपने अपने विभागों में स्थायी किया जाए।

इन हालात में अब रहबर योजनाओं के तहत नियुक्त युवा, विभागों में उनके पदों को फ्रीज कर उन्हें स्थायी किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे। उपराज्यपाल से भेंट कर अपना पक्ष रखने के प्रयास कर रहे ये युवा मंगलवार को जम्मू में डिवीजनल कमिश्नर से मिलने की तैयारी में हैं। युवा सरकार पर दवाब बनाएंगे कि उनके पद भर्ती बोर्ड को सौंपने के सरकारी आदेश निरस्त किए जाएं।

रहबर-ए-खेल योजना के तहत नियुक्त संजीव शर्मा ने जागरण को बताया कि हम स्थायी होने की उम्मीद लगाए हुए थे। सरकार ने हमारे भविष्य को दांव पर लगाने की कार्यवाही की है। ऐसे में अब हमारे पास प्रदर्शन जारी रखने के अलावा कोई विकल्प नही है। सरकार इस मामले को ठंडे बस्ते में डालने के बजाए हमारे भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में कार्यवाही कर। हमारे साथ किए गए वायदे पूरे किए जाएं।


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