पहली बार मतदान प्रक्रिया का हिस्सा बन रचा इतिहास
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रोहित जंडियाल, रामनगर (ऊधमपुर)
महिलाओं को जब भी कभी कोई जिम्मेदारी सौंपी गई है, उन्होंने हमेशा यह दिखाया है कि वे किसी से कम नहीं। वीरवार को लोकतंत्र के सबसे बड़े यज्ञ में उन्हें पहली बार मतदान केंद्र की जिम्मेदारी सौंपी गई तो उन्होंने इसे बखूबी निभाया। एक दिन पहले रात को दो बजे तक मतदान केंद्र की पहले पूरी व्यवस्था की और सुबह मतदान से दो घंटे पहले ही फिर से मतदान केंद्र में सुचारू मतदान के लिए पूरी सजगता के साथ काम करना शुरू किया। उन्हें फिक्र थी तो बस ग्यारह घंटे चलने वाले मतदान को पूरी तरह सफल बनाने की। यह मतदान केंद्र थे रामनगर के सिटी मिडिल स्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूल चनैनी और डीपीएपी कार्यालय ऊधमपुर। यह पहली बार था कि चुनाव आयोग ने महिलाओं को मतदान केंद्र की जिम्मेदारी सौंपी थी। इन केंद्रों में प्रीजाइडिग आफिसर से लेकर पोलिग आफिसर तक की ड्यूटी महिला कर्मचारियों को सौंपी गई थी। यही नहीं मतदान केंद्र के ठीक बाहर दो महिला पुलिस कर्मी तैनात थी। हां मतदान केंद्र के बाहर जरूर अन्य पुलिस के जवान और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान भी तैनात थे। रामनगर के सिटी मिडिल स्कूल में बने इस केंद्र में प्रीजाइडिग आफिसर बंदना जंडियाल थी, जबकि पोलिग आफिसर निर्मल देवी, नीलम गुप्ता और अनुराधा थीं। उनका कहना था कि जब उन्हें इस बात का पता चला कि उनका नाम इस बार मतदान केंद्रों में ड्यूटी के लिए गया है तो यह सुनकर ही उत्साहित थी। पहली बार किसी महिला को यह जिम्मेदारी मिल रही थी और वे इतिहास का हिस्सा बनने जा रही थी। उन्होंने कहा कि एक दिन पहले उन्हें देर रात तक मतदान केंद्र में रुकना पड़ा, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। यह ड्यूटी का हिस्सा था। रात को मात्र दो घंटे की नींद के बाद वापस मतदान केंद्र में आना था, लेकिन खुशी इतनी थी कि पता ही नहीं चला कब रात से सुबह और सुबह से शाम हो गई। उन्हें इस बात का कोई डर नहीं था कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी को कैसे निभाएं। चुनाव आयोग ने उन पर विश्वास किया, यही उनके लिए बड़ी बात थी। अब विधानसभा चुनाव में भी अगर उनकी ड्यूटी लगती है तो जाने के लिए तैयार हैं।
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मतदान केंद्र में पड़े 300 वोट
इस मतदान केंद्र पर कुल 355 वोट थे। इनमें से 300 वोट पड़े। 142 महिलाओं और 158 पुरुषों ने मतदान किया। अच्छी बात यह थी कि ग्यारह घंटे तक चले मतदान के दौरान इस केंद्र पर इन महिला कर्मचारियों ने न तो लंबी लाइनें लगने दी और न ही मतदान के दौरान कोई शिकायत आने दी। हर मतदाता भी मतदान केंद्र में महिला कर्मचारियों द्वारा दी गई ड्यूटी से खुश था।
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चुनाव आयोग ने किए थे पुख्ता प्रबंध
चुनाव आयोग ने महिला मतदान केंद्र पर पुख्ता प्रबंध किए थे। कर्मचारियों के लिए सुबह के नाश्ते के अलावा दोपहर के भोजन का भी प्रबंध किया गया था।करीब 36 मतदान केंद्रों की जिम्मेदारी संभाल रहे नोडल अधिकारी डॉ. मनमीत कुमार का कहना था कि कर्मचारियों के लिए पुख्ता प्रबंध किए थे। रहने और खाने के प्रबंध भी थे।