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कश्मीर में तैयार हो रहे नए सियासी मंच, अगले कुछ माह में दो-तीन नए क्षेत्रीय संगठन आ सकते हैं सामने

पीडीपी के पूर्व मंत्री गत दिनों जम्मू आए थे। उन्होंने कांग्रेस नेकां भाजपा के अलावा पीडीपी के कई स्थानीय नेताओं से मुलाकात कर नया क्षेत्रीय दल बनाने की संभावना पर मंथन किया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 10:49 AM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 10:49 AM (IST)
कश्मीर में तैयार हो रहे नए सियासी मंच, अगले कुछ माह में दो-तीन नए क्षेत्रीय संगठन आ सकते हैं सामने
कश्मीर में तैयार हो रहे नए सियासी मंच, अगले कुछ माह में दो-तीन नए क्षेत्रीय संगठन आ सकते हैं सामने

जम्मू, राज्य ब्यूरो : केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में बदले परि²श्य में सियासी सूनापन पड़ा है। नेशनल कांफ्रेंस (नेकां), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, कांग्रेस और अन्य संगठन चुप हैं। अगले कुछ माह में राजनीतिक शून्य भरने के लिए दो-तीन नए क्षेत्रीय संगठन सामने आ सकते हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के नाराज नेता, कई युवा चेहरों और पंच-सरपंचों के साथ कुछ पत्रकारों के साथ नए सियासी संगठन तैयार करने की कवायद में जुटे हैं। इनमें कई दिल्ली में अपने संपर्क सूत्रों के पास चक्कर काट आए हैं।

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370 हटने के बाद बदला सियासी परिदृश्य: राज्य प्रशासन ने पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने से पहले प्रमुख राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया था। इसके बाद स्थानीय राजनीतिक परि²श्य पूरी तरह बदल गया। स्वायत्तता, स्वशासन, अचीवेबल नेशनहुड, रायशुमारी जैसे नारों की प्रासंगिकता खत्म हो गई है। नेकां, पीडीपी , पीपुल्स कांफ्रेंस जैसे संगठनों ने पांच अगस्त से पूर्व की स्थिति के बहाल होने तक कथित तौर पर चुनावी सियासत से दूर रहने का फैसला किया है।

कई दिग्गज नेता केंद्र के संपर्क में : सूत्रों ने बताया कि नेकां, पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस और अवामी इत्तेहाद ही नहीं कांग्रेस में भी कई नेता अपने संगठन की नीति से संतुष्ट नहीं हैं। यह लोग केंद्र की कोशिशों का हिस्सा बनना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि इनमें पीडीपी के मुजफ्फर हुसैन बेग, पीडीपी से निष्कासित अल्ताफ बुखारी, नजीर अहमद लावे, पीडीपी के बागी एमएलसी यासिर रेशी, पीपुल्स कांफ्रेंस से रफियाबाद से पूर्व कांग्रेस नेता, नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व विधायक मोहम्मद सईद अखून, कांग्रेस नेता तारिक हमीद करा, पूर्व पीडीपी नेता बशीर अहमद मीर व पूर्व विधायक जहूर अहमद मीर, पूर्व वित्तमंत्री हसीब द्राबु, नेकां के अब्दुल रहीम राथर, नेकां के खलील बंड, पीडीएफ के चेयरमैन व पूर्व विधायक हकीम मुहम्मद यासीन, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी के गुलाम हसन मीर, कांग्रेस के उस्मान मजीद, पीडीपी नेता अब्दुल हक खान, पीपुल्स कांफ्रेंस के इमरान रजा अंसारी के अलावा श्रीनगर नगर निगम के डिप्टी मेयर शेख इमरान, मुंतजिर मोहिउद्दीन के नाम उल्लेखनीय हैं। श्रीनगर से ताल्लुक रखने वाले दो पत्रकार भी हैं।

फारूक के करीबी अखून भी तलाश रहे संभावना : सूत्रों की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला के करीबियों में रहे हजरतबल के पूर्व विधायक सईद अखून अपने लिए कथित तौर पर कांग्रेस में संभावना तलाश रहे हैं। उनका दामाद शेख इश्फाक जब्बार वर्ष 2014 से पहले कांग्रेस में था। उन्होंने उसे कांग्रेस से निकलवा नेकां में शामिल कराया था। शेख ने गांदरबल से नेकां टिकट पर पिछला विधानसभा चुनाव जीता था।

नया क्षेत्रीय दल बनाने की संभावना : सूत्रों ने बताया की पीडीपी के पूर्व मंत्री गत दिनों जम्मू आए थे। उन्होंने कांग्रेस, नेकां, भाजपा के अलावा पीडीपी के कई स्थानीय नेताओं से मुलाकात कर नया क्षेत्रीय दल बनाने की संभावना पर मंथन किया। उन्होंने दिल्ली स्थित संपर्क सूत्रों और पुराने मित्रों से भी बैठक की है। उत्तरी कश्मीर से दो युवा चेहरे जो पंचायत व स्थानीय निकाय चुनाव में हिस्सा ले चुके हैं, गत दिनों नई दिल्ली में थे। दोनों ने खास लोगों से बातचीत करते हुए उनकी सलाह ली है। कश्मीर और जम्मू प्रांत के तीन दर्जन से ज्यादा पंच-सरपंच और पूर्व आतंकियों का एक दल नए राजनीतिक मंच की कवायद में जुटा है। ये लोग चाहते हैं कि अब्दुल्ला, मुफ्ती, लोन परिवार की सियासी दुकान बंद होने के बाद नया राजनीतिक मंच बने जो जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने, स्थानीय लोगों के हितों के संरक्षण को यकीनी बनाने के नारे के साथ चुनावी सियासत का हिस्सा बने।

ताकि विधानसभा चुनाव की जमीन हो तैयार : सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली भी चाहती है कि जल्द एक-दो राजनीतिक संगठन जो नेकां, पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस का विकल्प बन सकते हों, सामने आएं ताकि जम्मू कश्मीर में नजर आ रहे राजनीतिक शून्य को दूर करते हुए विधानसभा चुनाव की जमीन तैयार की जा सके।


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