जम्मू और श्रीनगर के बाद DRDO के डिजाइन किए दो और अस्पतालों को मंजूरी
प्रदेश के दूरदराज के जिलों के मरीजों को इलाज में कोई दिक्कत न पेश आए इसके लिए भी डीआरडीओ की ओर से डिजाइन किए हुए 250-250 बिस्तर की क्षमता वाले अस्सपतालों के निर्माण को मंजूरी मिल गई है।
जम्मू,राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में कोरोना संक्रमण से ग्रस्त मरीजों के इलाज के लिए केंद्र और प्रदेश स्तरी पर स्वास्थ्य के बेहतरीन प्रबंध किए जा रहे हैं। केंद्र की पहल पर जम्मू और कश्मीर में पहले से ही डीआरडीओ की ओर से 500-500 की क्षमता वाले दो अस्पतालों का निर्माण कार्य करीब-करीब पूरा हो चुका है। प्रदेश के दूरदराज के जिलों के मरीजों को इलाज में कोई दिक्कत न पेश आए इसके लिए भी डीआरडीओ की ओर से डिजाइन किए हुए 250-250 बिस्तर की क्षमता वाले अस्सपतालों के निर्माण को मंजूरी मिल गई है।
प्रदेश की 4 हजार पंचायतों में पांच-पांच बिस्तर वाले कोविड केयर सेंटर बने
मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम ने केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को स्वास्थ्य ढांचे के संबंध में बताया कि चार हजार पंचायतों में पांच-पांच बिस्तरों की क्षमता वाले कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं। इनमें से एक-एक बिस्तर आक्सीजन की सुविधा वाला है। इमरजेंसी पड़ने पर इन्हें अन्य अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है। घरों में इलाज करवा रहे 33 हजार लोगों में कोविड केयर मेडिकल किट वितरित की गई हैं।
यह भी बताया गया कि जम्मू और श्रीनगर में डिफेंस रिसर्च और डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) 500-500 बिस्तरों की क्षमता वाले कोविड अस्पताल बना रही है। जम्मू का अस्पताल बुधवार से शुरू हो रहा है जबकि श्रीनगर का अस्पताल एक जून से शुरू होगा। दोनों अस्पतालों के लिए दो आक्सीज टैंकर भी स्थापित किए गए हैं। दूरदराज के जिलों के मरीजों के लिए भी डीआरडीओ के डिजाइन किए हुए 250-250 बिस्तरों की क्षमता वाले दो अन्य अस्पतालों को भी मंजूरी दी गई है। इससे पहले गृह सचिव केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड प्रबंधन के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने लगातार आ रही कोरोना संक्रमण की लहरों से बचाव के लिए पुख्ता कदम उठाने को कहा। उन्होंने कहा कि पूर्व के अनुभवों को देखते हुए टेस्टिंग और टीकाकरण दोनों में कमी न आने दें। लोगों से एसओपी का सख्ती के साथ पालने करने और स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करें। केंद्रीय गृह सचिव ने जम्मू-कश्मीर को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।