जम्मू कश्मीर के दो कलाकारों को सम्मान, सादिक को संगीत नाटक अकादमी और सुनील को राष्ट्रीय बिस्मिल्लाह खान युवा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
जम्मू कश्मीर के दो कलाकारों को वर्ष 2018 के लिए अपने क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए संगीत नाटक अकादमी ने सम्मानित किया है।
जम्मू, जागरण संवाददाता । जम्मू कश्मीर के दो कलाकारों को वर्ष 2018 के लिए अपने क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए संगीत नाटक अकादमी ने सम्मानित किया है। कश्मीर के लोक नाट्य शैली 'भांड पात्थर को जीवित रखने के लिए मोहम्मद सादिक भगत को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं, जम्मू के जिला रियासी के गांव नोमांई के कलाकार सुनील पलवाल को अभिनय के क्षेत्र में राष्ट्रीय बिस्मिल्लाह खान युवा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार दिया गया है।
भांड पात्थर को जीवित रखने में कश्मीर के सादिक का अहम योगदान
मोहम्मद सादिक भगत कश्मीर के भांड पात्थर के प्रमुख कलाकारों में से हैं। आज भांड पात्थर के कारण उनकी खास पहचान है। उनकी गिनती सबसे लोकप्रिय अभिनेता संगीतकार, डिजाइनर और निर्देशक के रूप में होती है। सादिक जिसे भीड़ खींचने वाले के रूप में जाना जाता है, वह वन मैन थियेटर होने के लिए भी लोकप्रिय हैं। जो न केवल पारंपरिक सारंगी बजाते हैं, बल्कि भांड थिएटर में कई कार्य भी करते हैं। मोहम्मद सादिक भट को अशांति का सामना करने के बावजूद कश्मीर में भांड पात्थर की परंपरा को निभाने का श्रेय दिया जाता है। कश्मीर में उनके साथ काम कर चुके मोहम्मद यासीन ने कहा कि वह अपने परिवार को भी इस शैली से जोड़े हुए हैं। वह दूसरे युवा कलाकारों को भी सिखाने में विश्वास रखते हैं।
अभिनय के क्षेत्र में रियासी के नोमांई के सुनील की बड़ी उपलब्धि
वहीं राष्ट्रीय बिस्मिल्लाह खान युवा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार पाने वाले रियासी के नोमांई के कलाकार सुनील पलवाल ने गुरू पूर्णिमा पर मिले सम्मान को पद्मश्री बलवंत ठाकुर, सौरभ शुक्ला और जेफ गोल्डबर्ग को समर्पित किया। दैनिक जागरण से बातचीत में सुनील ने कहा कि जिस गांव से मैंने अभिनय करने की सोची, शायद पूरे गांव में दस लोग भी नहीं होंगे, जिन्हें पता होगा कि अभिनय क्या होता है। आज अगर इस मुकाम पर हूं तो अपने आप को सौभाग्यशाली समझता हूं। आज मुझे विश्वास हो चला है कि सपना देखने का अधिकार हर व्यक्ति को है। हिम्मत और मेहनत से हर सपना पूरा हो सकता है।
बेहतरीन अभिनय का लोहा मनवा चुके हैं सुनील पलवाल
राष्ट्रीय बिस्मिल्लाह खान युवा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार पाने वाले सुनील पलवाल सौरभ शुक्ला और फिरोज अब्बास खान की प्रोडक्शन में अपने बेहतरीन अभिनय का लोहा मनवा चुके हैं। भारत में निर्मित सबसे प्रसिद्ध ब्रॉडवे शैली नाटकों में से एक देवदास और सलीम के प्रदर्शन से उन्हें विशेष पहचान मिली।
सुनील का जन्म कटड़ा के नजदीक गांव नोमांई में 22 मई 1985 को हुआ था। उन्होंने अपने थिएटर करियर की शुरुआत वर्ष 2002 में एक बाल कलाकार के रूप में जम्मू आधारित थिएटर समूह नटरंग से की। बाद में जीजीएम साइंस कॉलेज से स्नातक करने के लिए जम्मू आ गए। हिमाचल सांस्कृतिक अनुसंधान मंच और रंगमंच अकादमी मंडी, में नाटक के डिप्लोमा कोर्स के लिए चयनित होने से पहले वह दिल्ली से जनसंवाद कर रहे थे। 2008 में उन्हें एक बड़ा बदलाव आया, जब उन्होंने खुद को फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआइ) में दाखिला लिया। जहां उन्हें भारत के कुछ बेहतरीन अभिनेताओं और निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिला। चाहे वह नसीरुद्दीन शाह हों या सौरभ शुक्ला, बेंजामिन। गिलानी या मीता वशिष्ठ, टॉम ऑल्टर या राकेश बेदी। उन्होंने सभी के साथ काम किया है। उन्हें 2017 ब्रॉडवे वर्ल्ड इंडिया अवाड्र्स में सर्वश्रेष्ठ कलाकारों की टुकड़ी का पुरस्कार भी मिला। देवदास जैसी भूमिका निभाने में उनकी मेहनत को हमेशा याद किया जाता है, जिसे सैफ हैदर हसन ने निर्देशित किया था। वर्तमान में वह अतुल सत्य कौशिक के मार्गदर्शन में एक प्रमुख अभिनेता के रूप में शो, पजामा पार्टी की श्रृंखला कर रहे हैं।