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Jammu and Kashmi : आतंकियों से संबंध रखने वाले दो दर्जन कर्मियों पर जल्द गिरेगी गाज

अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इन्हें नौकरी से बर्खास्त करने काे जम्मू-कश्मीर प्रशासन जल्दी ही मंजूरी देगा। हालांकि सूत्रों का कहना है कि इनमें से अधिकांश ने आतंकियों के साथ किसी भी तरह के संबंध होने से इंकार किया है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 07:35 PM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 07:35 PM (IST)
Jammu and Kashmi : आतंकियों से संबंध रखने वाले दो दर्जन कर्मियों पर जल्द गिरेगी गाज
इन पर आरोप है कि यह आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्कर्स के तौर पर काम कर रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ संबंध रखने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों की लगातार पहचान की जा रही है। ऐसे दो दर्जन के करीब और कर्मचारियों की पहचान की गई है जिनके आतंकियों के साथ कथित संबंध बताए जा रहे हैं। खुफिया एजेंसियों ने इनके आतंकियों के साथ संबंधों की पड़ताल की है। इन पर आरोप है कि यह आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्कर्स के तौर पर काम कर रहे हैं।

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इन पर जल्दी ही कार्रवाई होने की उम्म्मीद है। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इन्हें नौकरी से बर्खास्त करने काे जम्मू-कश्मीर प्रशासन जल्दी ही मंजूरी देगा। हालांकि सूत्रों का कहना है कि इनमें से अधिकांश ने आतंकियों के साथ किसी भी तरह के संबंध होने से इंकार किया है लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इन सभी के संबंध आतंकियों के साथ होने का पता चला है। राष्ट्र विरोधी लोगों के साथ हमदर्दी या संबंध रखने वाले लोगों पर कार्रवाई उस समय शुरू हुई जब सरकार ने उनकी जांच के लिए समिति गठित की। भारत के संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) के तहत कार्रवाई हो रही है। उक्त प्रावधान में कहा गया है कि जब राष्ट्रपति या राज्यपाल,मामले को देखने के बाद संतुष्ट हो जाता है कि यह राज्य की सुरक्षा के हित में है तो एक सरकारी कर्मचारी को बर्खास्त किया जा सकता है । ऐसे मामलों में विभागीय जांच नहीं की जा सकती।

इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि इन दो दर्जन सरकारी कर्मचारियों को उनकी पृष्ठभूमि की पूरी तरह से जांच किए बिना और प्रोटोकॉल का पालन किए बिना सेवाओं में शामिल किया गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि पिछली जम्मू-कश्मीर सरकार को इस संवेदनशील क्षेत्र में निगरानी अत्यधिक करनी चाहिए थी और आतंकवाद के साथ किसी भी संबंध को राजनीतिक संरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए। इन 24 कर्मचारियों को उनकी सरकारी सेवाओं से बर्खास्त करने की सिफारिश उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले प्रशासन के निर्णय पर आधारित होगी।


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