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Loc: दो देशों का मिलन, नफरत की सीमाओं को उड़ा रही ऑक्ट्राय पोस्ट पर उमंग

कड़ाके की सर्दी में जीरो लाइन पर उत्साह से पहुंच रहे हैं सैलानी दोनों मुल्कों के नागरिक मुस्कुराहट से देते हैं जवाब

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 10:58 AM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 10:58 AM (IST)
Loc: दो देशों का मिलन, नफरत की सीमाओं को उड़ा रही ऑक्ट्राय पोस्ट पर उमंग
Loc: दो देशों का मिलन, नफरत की सीमाओं को उड़ा रही ऑक्ट्राय पोस्ट पर उमंग

जम्मू, लोकेश चंद्र मिश्र। भारत-पाकिस्तान की सीमाओं पर तनाव का माहौल है। सीमा पार से लगातार गोलाबारी की जा रही है। कई नागरिक चोटिल भी हुए हैं, लेकिन इस तनाव के बीच सुकून की भी खबर है। सुचेतगढ़ ऑक्ट्राय पोस्ट के जीरो लाइन पर दोनों देशों के नागरिक प्यार का पैगाम दे रहे हैं। मुस्कुराहट का जवाब मुस्कुराहट से देते हैं। लगता है कि दोनों देशों के बीच रिश्तों पर जमी बर्फ गर्मजोशी से अभी पिघल जाएगी।

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ऑक्ट्राय पोस्ट पर पहुंचे पर्यटकों की आंखों में कौतूहल और चेहरे पर मुस्कुराहट से लगता ही नहीं कि दोनों देशों के बीच युद्ध के बादल हमेशा मंडराते रहते हैं। लोग खुशी-खुशी एक-दूसरे की तस्वीर और वीडियो मोबाइलों में कैद कर रहे हैं। शायद कसक लिए हुए कि हालात कैसे हो गए? पड़ोसी की तस्वीरें कैमरे में कैद करनी पड़ रही है।

दिल झकझोर देती है इंसानियत: मूल रूप से बिहार के रहने वाले रामबिहारी झा 19 साल से जम्मू में रहते हैं, लेकिन पहली बार रविवार को ऑक्ट्राय पोस्ट पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि मुङो पाकिस्तान के नाम से नफरत होती थी, लेकिन यहां जीरो लाइन पर पहुंचे पाकिस्तानी नागरिकों को देख कर खून खौला नहीं, बल्कि दिल को इंसानियत ने झकझोर दिया। पेशे से शिक्षक झा ने कहा कि सचमुच में सुचेतगढ़ ऑक्ट्राय पोस्ट ऐसा बार्डर टूरिज्म है, जहां पहुंच पड़ोसी के प्रति भी भाव कोमल हो जाता है।

हालांकि वाघा बार्डर पर खून जोश से उबल उठता है। उत्तर प्रदेश के मोहन सिंह जम्मू में किसी रिश्तेदार यहां आए तो ऑक्ट्राय पोस्ट देखने पहुंच गए। उन्होंने कहा, कितने प्यार से लोग एक-दूसरे को देखने आते हैं। कौन-सी ऐसी बला है कि दोनों मुल्कों के बीच नफरत की दीवार खड़ी कर रखी है।

हवाखोरी करने सियालकोट से जम्मू आते थे नागरिक

विभाजन से पहले ऑक्ट्राय पोस्ट वाली जगह से रेल लाइन गुजरती थी। सियालकोट और जम्मू के बीच ट्रेनें चलती थीं। सियालकोट के लोग हवाखोरी करने के लिए तवी और चिनाब दरिया के किनारे पहुंचते थे। बिक्रम चौक के पास रेलवे स्टेशन होता था, जहां अभी एसआरटीसी का वर्कशॉप और कला केंद्र है। कड़ाके की सर्दी के कारण स्कूलों में छुट्टियां पड़ जाने से बॉर्डर टूरिज्म बढ़ रहा है। काफी संख्या में स्थानीय और दूसरे राज्यों से भी सैलानी सुचेतगढ़ ऑक्ट्राय पोस्ट पर पहुंच रहे हैं।

भारत-पाकिस्तान की सीमाओं पर भले ही तनाव हो, लेकिन आम लोगों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। जम्मू के आरएसपुरा स्थित ऑक्ट्राय पोस्ट पर भारत ही नहीं, पाकिस्तान के पर्यटक भी जीरो लाइन के पास पहुंचकर एक-दूसरे की ओर हाथ हिलाते है। एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराते हैं। यहां हर रोज दोनों ओर से ऐसा ही आत्मीय मिलन होता है।  


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