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Ban Toll Plaza Militant Attack: पुलवामा हमले के फिदायीन आदिल का चचेरा भाई है ट्रक चालक समीर

पुलवामा में गुंडीबाग काकपोरा में आदिल डार के घर से महज चंद फर्लाग की दूरी पर रहने वाला समीर कथित तौर पर पहले भी आतंकियों को उनके सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा चुका है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 11:26 AM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 11:26 AM (IST)
Ban Toll Plaza Militant Attack: पुलवामा हमले के फिदायीन आदिल का चचेरा भाई है ट्रक चालक समीर
Ban Toll Plaza Militant Attack: पुलवामा हमले के फिदायीन आदिल का चचेरा भाई है ट्रक चालक समीर

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को श्रीनगर ले जाते हुए शुक्रवार को श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर नगरोटा के बन टोल प्लाजा में पकड़ा गया ट्रक चालक समीर डार का बेशक कोई पुराना आतंकी रिकार्ड नहीं है, लेकिन आतंकियों से उसका रिश्ता पुराना है। उसका एक भाई लश्कर का आतंकी था और दूसरा भाई भी करीब एक पखवाड़ा आतंकियों के साथ बिताकर मुख्यधारा में लौटा था। वह लित्तर पुलवामा में 14 फरवरी 2019 में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला करने वाले आतंकी आदिल डार का चचेरा भाई है। इसे महज संयोग कहा जाए या कुछ और 14 दिन बाद ही पुलवामा हमले की पहली बरसी है। पुलवामा हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हुए थे।

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समीर डार उसी ट्रक का चालक है, जिसमें केबिन में हथियारों के एक बड़े जखीरे के साथ जैश ए मोहम्मद के तीन आतंकी छिपे हुए थे। यह तीनों आतंकी सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए हैं। समीर के साथ ट्रक क्लीनर आसिफ मलिक और एक अन्य युवक आसिफ अहमद पकड़ा गया है। आसिफ अहमद सिरनू, पुलवामा का रहने वाला है और जैश के ओवरग्राउंड वर्कर है। समीर डार से पूछताछ में जुटे सूत्रों की मानें तो समीर डार करीब एक साल से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों व उनके ओवरग्राउंड वर्कर नेटवर्क के साथ संपर्क में था। वह पहले कभी आतंकी ¨हसा के आरोप में नहीं पकड़ा गया था। अलबत्ता, वह एक दो-बार राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों के चलते पकड़ा गया था और बाद में छूट गया था। पुलवामा में गुंडीबाग, काकपोरा में आदिल डार के घर से महज चंद फर्लाग की दूरी पर रहने वाला समीर कथित तौर पर पहले भी आतंकियों को उनके सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा चुका है।

फिलहाल, यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि वह कब से यह काम कर रहा है। समीर का बड़ा भाई मंजूर रशीद डार वर्ष 2016 में आतंकी बना था। वह लश्कर-ए-तैयबा में भर्ती हुआ था और आतंकी बनने के महज 11 दिन बाद 30 जून 2016 को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। समीर का दूसरा भाई तौसीफ ने मार्च 2018 में आतंकवाद का रास्ता चुना था, लेकिन वह करीब 15 दिन बाद वापस लौट आया था। इसके बाद वह कुछ माह तक जेल में भी रहा है। समीर के साथ पकड़ा गया आसिफ अहमद जैश ए मोहम्मद के आतंकियों का ओवरग्राउंड वर्कर है। वह जैश मोहम्मद के आतंकियों को जम्मू से श्रीनगर पहुंचाने के लिए समीर की मदद कर रहा था।

पकड़े जाने से बचने को अनजान बन गया ट्रक चालक समीर

नगरोटा के बन टोल प्लाजा में हमले के दौरान आतंकियों के सहयोगी ट्रक चालक समीर अहमद डार ने खुद को अनजान की तरह पेशकर बचने की कोशिश की। उसने यह जताने की कोशिश की कि उसे जम्मू कश्मीर के बारे में कुछ पता नहीं है। यह भी दिखाने की कोशिश की कि उसे श्रीनगर और ऊधमपुर किधर और कितनी दूर है, यह भी नहीं पता है। इसके बावजूद वह नहीं बच सका और टोल प्लाजा की सुरक्षा में लगी निजी सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारी केवल शर्मा की सूझबूझ से दबोच लिया गया। केवल पूर्व सैनिक हैं। इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के तीनों आतंकियों को चंद घंटों में ही ढेर कर दिया गया। टोल प्लाजा पर लगी निजी परमार सिक्योरिटी में तैनात पूर्व सैनिक केवल शर्मा ने आतंकियों के सहयोगी समीर को जिंदा पकड़ने में जिस सूझबूझ का परिचय दिया, वह तारीफ के काबिल है। केवल शर्मा ने बताया कि बन टोल प्लाजा पर जब आतंकवादियों ने भागने से पहले ग्रेनेड फेंका और गोलीबारी की तो टोल प्लाजा में तैनात जवान समझ गए कि यह आतंकी हमला है। इसी दौरान उन्होंने एक को भागता हुआ टोल प्लाजा के ट्यूब नंबर दो की तरफ बढ़ते देखा। इस पर मैंने अपने साथी सतनाम सिंह और अविनाश को अलर्ट कर दिया। वह भागते हुए मेरी तरफ आया। इस पर मैंने उससे पूछा कि कहां जा रहे हो। उसने कहा श्रीनगर जा रहा हूं। यह रास्ता कहां जाता है और श्रीनगर कितनी दूर है? मैंने उससे कहा कि श्रीनगर यहां से 20 किलोमीटर दूर है। उसने फिर पूछा.. और ऊधमपुर? मैंने बताया कि 80 किलोमीटर। इस पर उसने कहा कि श्रीनगर जाना है, गाड़ी में बैठा दो। इस पर मैंने कहा कि यहां बैठ जाओ और जब कोई बस यहां से निकलेगी तो उसमें बैठा देंगे। केवल ने बताया कि मैंने इसी दौरान टनल सुपरवाइजर चमन लाल के पास जाकर धीरे से कहा कि आतंकवादी है अलर्ट हो जाओ। साथ ही डीएसपी को फोन कर सूचित कर दिया।

करीब बीस मिनट उलझाए रखा: केवल ने बताया कि जब उन्होंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने नहीं बताया। हालांकि, पंजाबी भाषा में कहा कि मेरे मोबाइल में कुछ पिक्चर हैं, जिन्हें वे डिलीट कर दें। मैंने उसका मोबाइल लिया तो उसमें कुछ खेत खलिहानों की तस्वीरें थी। यह सब करते हुए उसे बीस मिनट तक उलझाए रखा। तभी पुलिस ने उसे आकर पकड़ लिया। बाद में उसकी पहचान ट्रक चालक समीर अहमद निवासी गुंडीबाग काकपोरा के रूप में हुई। समीर अहमद डार पुलवामा आतंकी हमले के आत्मघाती आतंकी आदिल अहमद डार का चचेरा भाई है।

आतंकियों का तरनाह नाला है सेफ रूट

कठुआ जिले का राष्ट्रीय राजमार्ग फिर आतंकियों का रूट रहा। यही से नगरोटा में मारे गए आतंकी ट्रक में छिपकर निकले थे। हालांकि, 29 जनवरी को ट्रक पंजाब से लखनपुर के रास्ते जिले में पहुंचा था। ट्रक के लखनुपर से प्रवेश करने का सुबूत चालक से म्यूनिसिपल कमेटी की ओर से वसूली शुल्क पर्ची से मिला है। पर्ची पर 29 जनवरी की तारीख है। इससे पहले भी हीरानगर में भारत पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तरनाह नाले से आतंकी कई बार घुसपैठ कर चुके हैं। डीजीपी दिलबाग सिंह ने भी हीरानगर सीमांत क्षेत्र से आतकियों के घुसपैठ करने की आशंका जाहिर की है। इससे साफ होता है कि आतंकियों का ट्रक चालक से पहले से संपर्क था। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार आतंकियों ने धुंध का लाभ लेते हुए तरनाह नाले से ही घुसपैठ की और दियालाचक को सुरक्षित ट्रांजिट कैंप के तौर पर चुना। संभव है कि ट्रक चालक लखनपुर से 29 जनवरी को प्रवेश करने के बाद आतंकियों का वहां पुहंचने के लिए हाइवे पर ही किसी क्षेत्र में रुका था। धुंध का लाभ उठाकर आतंकी गाइड की मदद से दियालाचक पहुंच उसी ट्रक में सवार हुए। तरनाह नाला दियालाचक हाइवे से सटा है।

आतंकियों की मदद के शक में ऊधमपुर में पांच संदिग्ध दबोचे

संवाद सहयोगी, ऊधमपुर: बन टोल प्लाजा में आतंकी हमले में शामिल आतंकियों के मददगार होने के शक में ऊधमपुर जिला पुलिस ने रैंबल में तीन और ऊधमपुर से दो संदिग्धों को पकड़ा है। इन सभी को गरोटा पुलिस के हवाले कर दिया है। इन सभी का संपर्क आतंकियों को लेकर जा रहे ट्रक के चालक समीर अहमद डार के साथ मुठभेड़ के दौरान हुआ था। रैंबल में चालक औवैस अहमद बट पुत्र गुलाम मोहम्मद बट, उसका भाई फैजल अहमद बट दोनों निवासी काकापोरा श्रीनगर व कंडक्टर इरशाद वानी पुत्र खालिद वानी निवासी गमपोरा श्रीनगर हैं। इनसे ट्रक नंबर जेके 03जी 2649 करे जब्त किया गया है। ऊधमपुर में पकड़े गए दो लोगों के नाम की जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है। इन सभी से ट्रक चालक समीर डार ने संपर्क किया किया था।

दिल्ली की नंबर की कार से वायरलेस सेट बरामद, दो पकड़े

जम्मू के नगरोटा में आंतकी हमले के दौरान ही सुरक्षा बलों ने विजयपुर में नेशनल हाईवे पर दिल्ली के नंबर की गाड़ी से दो संदिग्धों को पकड़ा है। तलाशी में उनसे एक एलईडी और दो वायरलेस सेट बरामद किए गए हैं। इसी दौरान पुलिस टीम ने दिल्ली से जम्मू की ओर जा रही कार संख्या डीएल 5 सीएच 1829 को विजयपुर मुख्य चौक पर तलाशी के लिए रोका। पकड़े गए संदिग्धों की पहचान जाहिद पुत्र गुलाब रसूल और मनवार हुसैन पुत्र गुलाम मोहमद वानी निवासी नारास्पुर बड़गाम के रूप में हुई है।


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