Jammu Kashmir : पीडीपी कार्यालय पहुंची तिरंगा रैली, नहीं लगाने दिया तिरंगा
राष्ट्रीय ध्वज पर पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बयान से खफा सामाजिक कार्यकर्ता अमनदीप सिंह बोपाराय ने रविवार को तिरंगा रैली निकाली। रैली गांधीनगर अस्पताल से शुरू होकर गांधीनगर स्थित पीडीपी कार्यालय के बाहर तक गई।
जम्मू, राज्य ब्यूरो । राष्ट्रीय ध्वज पर पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बयान से खफा सामाजिक कार्यकर्ता अमनदीप सिंह बोपाराय ने रविवार को तिरंगा रैली निकाली। रैली गांधीनगर अस्पताल से शुरू होकर गांधीनगर स्थित पीडीपी कार्यालय के बाहर तक गई। इस दौरान पुलिस के जवानों की भारी संख्या में मौजूदगी केकारण वह पीडीपी कार्यालय में तिरंगा नहीं लगा पाए। लेकिन विरोध में पीडीपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए हैं।
नेवी से सेवानिवृत्ति लेकर वापस आए सामाजिक कार्यकर्ता अमदीप सिंह बोपाराय ने एक दिन पहले अपने दो अन्य साथियों के साथ पीडीपी कार्यालय में जाकर राष्ट्रीय ध्वज लगा दिया था। इस पर कार्यालय के भीतर बैठे पूर्व एमएलसी फिरदौस टाक और अन्य एक नेता के साथ अमनदीप सिंह की बहस हो गई और धक्का-मुक्की भी हुई। रविवार को अमनदीप सिंह ने अपने कई साथियों के साथ मिलकर दोपहर बारह बजे गांधीनगर अस्पताल के बाहर से तिरंगा रैली निकाली। इसमें युवा हाथों में तिरंगा लिए दो पहिया वाहनों पर सवार होकर पीडीपी कार्यालय की ओर बढ़े। प्रशासन ने इस दौरान पीडीपी कार्यालय के बाहर भारी संख्या पुलिस के जवान तैनात किए थे।
रैली जब पीडीपी कार्यालय के बाहर पहुंची ओर अमनदीप सिंह पीडीपी कार्यालय में तिरंगा लगाने के लिए जाने लगे तो पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोक दिया। मगर अमनदीप पीडीपी कार्यालय में तिरंगा लगाने पर अड़े रहे और विरोध में वहं पर धरने पर बैठ गए। उनका आरोप था कि पीडीपी कार्यालय केबाहर के क्षेत्र को भी लाल चौक बना कर रख दिया है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेइ 370 हटाने का क्यसा लाभ हुआ। पहले कश्मीर में तिरंगा नहीं फहराया जाता था लेकिन अब तो जम्मू में भी तिरंगा फहराने के लिए रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो लोग तिरंगे के खिलाफ बोल रहे हें, उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही हे। सरकार को पीडीपी अध्यक्षा सहित तिरंगे का अपमान करने वाले सभी लोगों को हिरासत में लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीडीपी के पूर्व एमएलसी फिरदौस टाक से सुरक्षा कर्मी वापिस लेने चाहिए। वह झूठे आरोप लगा रहे हैं कि भीड़ ने पीडीपी कार्यालय पर हमला कर दिया। जबकि भीड़ नहीं बल्कि दो लोग तिरंगा लगाने के लिए कार्यालय गए थे। उन्हें भी वहां से धक्के देकर टाक ने निकाल दिया।