आतंकी हमले में अपनी जान देकर बचाई थी बच्चों की जान
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संवाद सहयोगी, सांबा : 11 मई 2008 को सांबा की कैहली मंडी में हुए आतंकी हमले के दौरान एक ऐसी भी मां थी जिसने अपने बच्चों को बचाने की खातिर अपने प्राण त्याग दिए थे। मां शशि बाला खुद आतंकियों से भिड़ गई थी और आतंकियों को मकान के भीतर नहीं घुसने दिया था जिससे उनके बच्चे सकुशल बच गए थे। हालांकि इस आतंकी हमले में उनके पति होशियार सिंह भी शहीद हो गए थे। वहीं जिला अस्पताल सांबा में शशि बाला की याद में बने पार्क पर आज श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन हुआ। इस अवसर पर उनके बेटे लोकसेवक सहित जिला अस्पताल के डाक्टर एवं अन्य लोग भी उपस्थित थे। 11 मई 2008 को जब सुबह होशियार सिंह का परिवार सांबा में अपने घर पर सोया हुआ था कि अचानक उनके गेट पर कुछ बदूंकधारी आए। आतंकी पाकिस्तान से घुसपैठ कर भारत में घुसे हुए थे और उस समय दिन चढ़ने वाला था और वह दिन को किसी न किसी घर में पनाह लेना चाहते थे। पनाह लेने को लेकर होशियार सिंह के गेट पर पहुंचे थे। वहां पर होशियार सिंह ने उनका विरोध किया जिसके बाद उन पर आतंकियों ने गोलियां बरसा दी थीं। होशियार सिंह मुख्य गेट पर ही गिर गए थे और आतंकी मकान के भीतर घुसने लगे कि अंदर से शशि बाला भाग कर बाहर आईं और वह आतंकियों के साथ निहत्थे ही भिड़ गई थीं। उन्होंने आतंकियों को अंदर नहीं घुसने दिया और अपने बच्चों को दरबाजे बंद करने के लिए जोर जोर से चिल्लाने लगीं। हालांकि उनकी बेटी को उस समय कुछ बुलेट लगे थे परन्तु शशि बाला ने अपनी शहादत तो दे दी परन्तु मां होने का फर्ज निभाते हुए अपने बच्चों को बचा गई थी। शशि बाला चिकित्सा विभाग में कार्यरत थीं और वह कर्मियों के हक के लिए हमेशा अग्रिम रहती थीं। उनकी याद में जिला अस्पताल में बने पार्क का नाम शशि बाला के नाम पर रख दिया था। अब हर 11 मई को वहां पर शशि बाला व होशियार सिंह की फोटो पर फूल मालाएं चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। शनिवार को इस श्रद्धांजलि समारोह में शहीद शशि बाला के बेटे लोक सेवक, जिला अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. इंदिरा भुटेयाल, करतार सिंह, वीर सिंह, बोध राज, विजय कुमार, चग्गर सिंह, कुलवीर सिंह, पुरषोतम चंदेल, राहुल, विकास, साहिल, थोड़ू राम, सुरेखा सम्बयाल, आशा रानी, शारदा सम्बयाल, कविता सम्बयाल, निशा देवी भी उपस्थित थीं। इस अवसर पर दो मिन्ट का मौन भी रखा गया और प्रसाद वितरण भी किया गया।