Kashmir Militancy: कश्मीर में टीआरएफ नया आतंकी संगठन नहीं, लश्कर का ही नया नाम
हंदवाड़ा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमले की जिम्मेदारी भी टीआरएफ ने ली थी। परंतु वे भी लश्कर के आतंकी ही थे। हमने दो आतंकियों की पहचान कर ली है। वे हमारे रडार पर हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) कोई नया संगठन नहीं हैं, यह एक तरह से लश्कर-ए-तैयबा का नया नाम है। यह दावा पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) कश्मीर रेंज विजय कुमार ने आने वाले दिनों में वादी में आतंकी गतिविधियों में तेजी की आशंका जताते हुए किया। उन्होंने कहा कि पाक रमजान में अक्सर आतंकी गतिविधियां बढ़ती हैं। इस साल अब तक सुरक्षाबलों ने वादी में शीर्ष कमांडरों समेत 64 आतंकियों को मार गिराया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में टीआरएफ सिर्फ नाम ही नया है। दरअसल लश्कर ने अपना नाम बदला है। हमने टीआरएफ के कश्मीर में जो भी आतंकी मारे हैं या पकड़े हैं, वे सभी लश्कर-ए-ताइबा के आतंकियों की सूची में थे। टीआरएफ में अब हिज्ब के लड़कों को भी लिया जा रहा है। पिछले दिनों एक मुठभेड़ में टीआरएफ का जिला कमांडर आसिफ मारा गया है। वह काकपोरा पुलवामा का रहने वाला था और वह लश्कर में ही था।
यही नहीं हंदवाड़ा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमले की जिम्मेदारी भी टीआरएफ ने ली थी। परंतु उसमें भी लश्कर के आतंकी ही शामिल थे। हमने हमले में शामिल दो आतंकियों की पहचान कर ली है। वे हमारे रडार पर हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है। टीआरएफ द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे टेलीग्राम चैनल को भी हमने बंद कराया है। हाल में ही आतंकी गतिविधियो में आई तेजी पर उन्होंने कहा कि बीते 30 वर्षो से कश्मीर में जारी आतंकी हिंसा को देखा जाए तो पाक रमजान महीने में आतंकी हमले बढ़ जाते हैं। हम आतंकियों के इरादों को अच्छी तरह समझते हैं। आतंकरोधी अभियानों में तेजी लाने के साथ ही विभिन्न इलाकों में सुरक्षा भी बढ़ाई गई है।
घाटी के हालात तेजी से होंगे सामान्य: पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि आतंकी नाइकू की मौत के बाद दक्षिण कश्मीर में हालात तेजी से सामान्य होंगे। वादी में लोगों का शांति बनाए रखने में सहयोग करना इसका सुबूत है। आतंकी इस समय सुरक्षाबलों और आम लोगों पर हमले करने की ताक में हैं। दक्षिण कश्मीर में बढ़ते दबाव के बाद आतंकी उत्तरी कश्मीर का रुख कर रहे हैं, लेकिन वह वहां भी नहीं बचेंगे।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के हीरो हमारे डीआइजी दक्षिण कश्मीर रेंज अतुल कुमार गोयल, एसएसपी अवंतीपोर व उनके साथी हैं। सीआरपीएफ, एसएसबी और सेना का सहयोग काबिलेतारीफ है। पहले जिस तरह से नाइकू के साथियों को पकड़ा और बाद में नाइकू के बारे में जानकारी जमा की। इस बार हमने उसे बचने का मौका नहीं दिया। हम शरारती तत्वों की लगातार निगरानी कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर शरारती तत्व सक्रिय हैं जो यहां लोगों को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। मैं शहीद सब इंस्पेक्टर सगीर अहमद पठान को सलाम करता हूं। उसने ही सबसे पहले छंजमुला में आतंकियों की मौजूदगी का पता लगाते हुए घेराबंदी की।
दक्षिण कश्मीर में सुरक्षाबलों के लगातार बढ़ते दबाव और अधिकांश कमांडरों के मारे जाने के बाद आतंकी अब उत्तरी कश्मीर में बेस बनाना चाहते हैं। वह वहां भी मारे जाएंगे। कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की गतिविधियों की निगरानी के लिए तंत्र विकसित किया है, उन्हें लगातार ट्रैक करते हुए उनके खिलाफ अभियान तेज किए जा रहे हैं।