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जम्मू-कश्मीर : मानसर वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र में शुरू हुई ट्रैकिंग, 50 युवाओं का पहला दल रवाना

युवा इस ट्रैकिंग में शामिल होने के लिए पहुंचे हुए थे। इस अंदाजा इस बात से लगता है कि जम्मू के दोमाना से जिम्मी कुमार बस से पहले सांबा पहुंचे और फिर बस पकड़कर मानसर पहुंच गए। उनका कहना है कि जंगलों की सैर करने का अपना ही मजा है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 12:08 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 12:08 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर : मानसर वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र में शुरू हुई ट्रैकिंग, 50 युवाओं का पहला दल रवाना
वन्यजीव संरक्षण विभाग के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन सुरेश कुमार गुप्ता ने झंडी दिखाकर ट्रैकरों के दल को रवाना किया।

जम्मू, जागरण संवाददाता। कड़ाके की ठंड की सुबह तकरीबन 50 युवाओं का दल ट्रैकिंग के लिए रवाना हो गया। मानसर वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र में आरंभ हुई यह ट्रैकिंग 7 किलोमीटर का सफर तय करती हुई बाड़ी तक जाएगी। वन्यजीव संरक्षण विभाग के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन सुरेश कुमार गुप्ता ने झंडी दिखाकर ट्रैकरों के दल को रवाना किया।

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इस दौरान पूर्व पीसीसीएफ ओपी शर्मा के अलावा वाइल्डलाइफ कठुआ वार्डन विजय वर्मा भी उपस्थित थे। दूर-दूर से युवा इस ट्रैकिंग में शामिल होने के लिए पहुंचे हुए थे। इस अंदाजा इस बात से लगता है कि जम्मू के दोमाना से जिम्मी कुमार बस से पहले सांबा पहुंचे और फिर बस पकड़कर मानसर पहुंच गए। उनका कहना है कि जंगलों की सैर करने का अपना ही मजा है। काफी कुछ सीखने को मिलता है।

बहरहाल युवाओं का दल ट्रैकिंग पर है और रास्ते में इन युवाओं को कई प्रजाति के वन्यजीव व परिंदें भी दिखे। इन युवाओं को ट्रैकिंग पर रवाना करने से पूर्व चीफ वार्डन सुरेश कुमार गुप्ता ने मानसर-सरुइंसर संरक्षित वन्यजीव क्षेत्र की जानकारी दी और कहा कि युवाओं के पास यह अनोखा अवसर है कि वे जंगल की सैर करें और वन्यजीवों के रहन सहन को देखें। उन्होंने कहा कि ट्रैकिंग के दौरान युवाओं को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। वन्यजीवों, पेड़ पौधों के बारे में जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि ट्रैकिंग के जिरए युवा पर्यावरण को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे।

इस मौके पर ओपी विद्यार्थी ने युवाओं को पेड़ पौधों की भरपूर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पेड़ हैं तो वन्यजीव संरक्षित हैं। अगर जंगल ही नहीं रहेंगे तो वन्यजीवों का संरक्षण नही हो पाएगा। वहीं पर्यावरण पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा। बहरहाल हम सब को अपने दिल में एक बात पक्की करनी है कि हम अपने आसपास के वातावरण में अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाए और वातावरण को हरा भरा करें।


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