Jammu Kashmir: ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाऊस-नेहरू मार्केट के चुनाव मार्च में, चुनावी सरगर्मियां अभी से हुई तेज
जम्मू की सबसे बड़ी अनाज मंडी वेयर हाऊस-नेहरू मार्केट की नई टीम के लिए चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है। चुनाव अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही सोशल मीडिया पर उम्मीदवारों ने अपना प्रचार तेज कर दिया है।
जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू की सबसे बड़ी अनाज मंडी वेयर हाऊस-नेहरू मार्केट की नई टीम के लिए चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है। चुनाव अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही सोशल मीडिया पर उम्मीदवारों ने अपना प्रचार तेज कर दिया है और टीम के छह सदस्यों के लिए इन दिनों कई उम्मीदवार दावा ठोक रहे हैं। वेयर हाऊस की यह मंडी शहर की प्रमुख व पुरानी मंडियों में से एक है और इसकी टीम में जगह पाने के लिए उम्मीदवार इन दिनों जोड़तोड़ में जुटे हैं। इस चुनाव को दिलचस्प बनाने के लिए इन दिनों मंडी के कुछ वरिष्ठ सदस्य भी अहम भूमिका निभा रहे हैं और उनका प्रयास है कि टीम के छह पदों के लिए 12 उम्मीदवार ही मैदान में उतरे ताकि हर पद पर आमने-सामने का ही मुकाबला हो। अभी कई ऐसे पद है जिस पर दो से अधिक उम्मीदवारों ने दावा पेश किया है। ऐसे में ये प्रयास किए जा रह हैं कि कुछ उम्मीदवार चुनाव से बाहर हो जाए।
कई नए चेहरों ने ठोकी ताल
वेयर हाऊस-नेहरू मार्केट के चुनाव में इस बार भी कई नए चेहरे सामने आए है। प्रधान पद से लेकर कोषाध्यक्ष पद तक के लिए मंडी के कुछ नए चेहरे सामने आए है। हालांकि चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी होना अभी शेष है लेकिन सोशल मीडिया पर इन उम्मीदवारों ने अपना प्रचार तेज कर दिया है। ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाऊ-नेहरू मार्केट के निवर्तमान महासचिव दीपक गुप्ता ने इस बार प्रधान पद के लिए दावा पेश किया है और महासचिव पद के लिए इस बार एक नया व एक पुराना चेहरा सामने आ रहा है। वरिष्ठ उप-प्रधान पद के लिए पिछली टीम के दो सदस्य, उपाध्यक्ष व सचिव पद के लिए भी पिछली टीम का एक-एक सदस्य जबकि कोषाध्यक्ष पद के लिए इस बार दो नए चेहरे सामने आ रहे हैं। अब अगले सप्ताह अधिसूचना जारी होने व नामांकन दायर करने की प्रक्रिया आरंभ होने से स्थिति स्पष्ट होना शुरू हो जाएगी।
जम्मू में भारत बंद का कितना होगा प्रभाव
जीएसटी की जटिल प्रक्रिया के विरोध में कांफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने 26 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है। कैट की जम्मू में भी सक्रिय इकाई है और जम्मू में कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी है। ऐसे में भारत बंद को जम्मू में प्रभावी बनाने के लिए पिछले कई दिनों से प्रयास किए जा रहे है और इसके लिए जम्मू के स्थानीय व्यापारिक संगठनों से भी संपर्क साधा गया है। हालांकि अभी तक किसी भी स्थानीय व्यापारिक या औद्योगिक संगठन ने कैट के भारत बंद के समर्थन का आह्वान नहीं किया है। ऐसे में यह संभावना बन रही है कि शुक्रवार को जीएसटी के खिलाफ भारत बंद का जम्मू में कुछ खास प्रभाव नहीं दिखेगा। हालांकि इस दौरान अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए कैट की स्थानीय इकाई शहर के कुछ इलाकों में सांकेतिक धरना-प्रदर्शन अवश्य कर सकती है।
घर में ही झेलनी पड़ेगा प्रतिस्पर्धा
जम्मू-कश्मीर में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक राहत पैकेज घोषित किया है लेकिन इस पैकेज में नए उद्योग को जीएसटी रिफंड का लाभ देने व मौजूदा उद्योग तथा विस्तारीकरण करने वालों को इस लाभ से वंचित रखने से जम्मू-कश्मीर के भीतर ही उद्योगपतियों में आपसी प्रतिस्पर्धा आरंभ होगी। आज तक जम्मू-कश्मीर के उद्योगपति बाहरी राज्यों के उद्योगपतियों से प्रतिस्पर्धा कर रहे थे लेकिन आने वाले समय में प्रदेश के भीतर ही दो श्रेणियां बन जाएगी। एक श्रेणी वो होगी जिसे जीएसटी लाभ मिलेगा और दूसरी बिना लाभ वाली। जिन्हें जीएसटी का लाभ मिलेगा, उनका उत्पादन सस्ता रहेगा और दूसरों का तुलनात्मक महंगा। अब महंगा उत्पादन करने वाले उद्योग सस्ते उत्पादन से कैसे प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे, यह आने वाला वक्त तय करेगा।