Coronavirus: जम्मू में 3, श्रीनगर में 4 और COVID-19 के नए मामले सामने आए, संख्या 45 हुई; 2 की हो चुकी है मौत
स्वास्थ्य विभाग के कमिश्नर सेक्रेटरी रिगजिन सैंफल ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पिछले दस दिनों में कोरोना संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है।
जम्मू, जेएनएन। जम्मू और श्रीनगर में सोमवार को सात और कोरोना संक्रमण मामलों का पता चला है। इनमें जम्मू में तीन जबकि कश्मीर में चार संक्रमित मरीज शामिल हैं। हालांकि इसके बाद जम्मू जिला प्रशासन ने लोगों की आवाजाही पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है। जम्मू में आज पॉजीटिव पाए गए तीन मामलों में एक मरीज उधमपुर और दो जम्मू से हैं। जम्मू के दो संक्रमितों में एक जीएमसी अस्पताल का डॉक्टर भी शामिल है। वहीं कश्मीर में आज आए चार पॉजीटिव मामलों में दो मरीज श्रीनगर जबकि दो शोपियां से हैं।
लद्दाख स्वास्थ्य विभाग के कमिश्नर सेक्रेटरी रिगजिन सैंफल ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पिछले दस दिनों में कोरोना संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है।
एक ट्वीट में सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की पुष्टि करते हुए कहा कि आज सुबह सबसे पहले जम्मू में तीन नए संक्रमित मामले आने की जानकारी मिली। जबकि दोपहर बाद कश्मीर डिवीजन से चार नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ जम्मू-कश्मीर में कोरोना ग्रस्त मरीजों की संख्या अब 45 हो गई है।
वहीं डिप्टी कमिश्नर जम्मू सुषमा चौहान ने बठिंडी, सुंजवा और गुज्जर नगर में पूर्ण प्रतिबंध का आदेश देते हुए कहा कि किसी भी कारण से किसी भी व्यक्ति को बठिंडी, सुंजवा और गुज्जर नगर इलाकों से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने महामारी रोग अधिनियम 1879 और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 का हवाला देते हुए जम्मू पुलिस स्टेशन के अधीन आने वाले पुलिस चौकी त्रिकुटा नगर, बठिंडी और पुलिस स्टेशन पीर मीट्ठा के अधीन आने वाले गुज्जर नगर चौकी को इसे सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
इसी के साथ उन्होंने लोगों की सुविधा के लिए कंट्रोल रूम के नंबर 0191-2571616, 0191-2571912 जारी करते हुए कहा कि किसी भी आपात स्थिति में इन इलाकों के लोग इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। उनके घर तक हर आवश्यक सुविधा दी जाएगी।
जम्मू कश्मीर में कोरोना मामलों का तेजी से बढ़ने का कारण लोगों द्वारा ट्रैवल हिस्ट्री की जानकारी नहीं देना है।श्रीनगर में एक दिन पहले जो दंपती कोरोना वायरस से संक्रमित आया, उसने भी अपनी विदेश यात्रा के बारे में जानकारी नहीं दी थी। वह खुद तो संक्रमित हुआ ही, अन्य कइयों की जिंदगी भी खतरे में डाल दी। जम्मू संभाग में भी कुछ इसी तरह के हालात हैं। कई लोग ऐसे हैं जो विदेशों से आए हुए हैं। सामने आने के बजाए वे यात्रा जानकारी छिपाए हुए हैं। ऐसे लोगों ने प्रशासन की नींद उड़ाई है।
जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने बताया कि जम्मू कश्मीर में कोरोना के हर दिन बढ़ते पॉजीटिव मामले चिंताजनक है। इसे देखते हुए ही अब सरकार ने लॉकडाउन को लेकर और सख्ती कर दी है। घर से बिना किसी काम बाहर आने वालों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन में भेजने के निर्देश दिए हैं। अब तक प्रदेश में दो लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है। गत रविवार को उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के टंगमर्ग के रहने वाले 62 वर्षीय व्यक्ति की तड़के चार बजे मौत हुई थी। यह बुजुर्ग श्रीनगर के चेस्ट डिसीज अस्पताल में भर्ती था। एक दिन पहले शनिवार को उसमें कोरेाना वायरस की पुष्टि हुई थी। वह लीवर की बीमारी से ग्रसित था। उसे वेंटीलेटर पर रखा था। इससे पूर्व हैदरापोरा श्रीनगर के 65 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई थी।
अभी तक संक्रमित जम्मू-कश्मीर में कुल 45 लोगों में 33 कश्मीर और 12 जम्मू संभाग के हैं। दो मरीजों की मौत हो चुकी है। फिलहाल अभी दोनों को होम क्वारंटाइन में रखा है। स्वास्थ्य मंत्रलय की ओर से जारी निर्देशावली के साथ कोरोना से दम तोड़ने वाले शख्स को टंगमर्ग के कुंजर में पैतृक कब्रिस्तान में दफनाया। पुलवामा में सात गांवों को रेड जोन अधिसूचित कर दिया गया है।
लद्दाख में 10 दिन में कोरोना संक्रमण का कोई मामला नहीं
स्वास्थ्य विभाग के कमिश्नर सेक्रेटरी रिगजिन सैंफल ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पिछले दस दिनों में कोरोना संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। यही नहीं आइसोलेशन वार्ड में इलाज करवा रहे तीन लोगों के स्वास्थ में भी सुधार हुआ हैँ। उनके टेस्ट नेगेटिव आए हैं। जबकि 10 अन्य का इलाज अभी जारी है। उन्होंने कहा कि श्रीनगर में बढ़ते मामलों को देखते हुए लद्दाख प्रशासन ने 18-19 मार्च को ही लोगों से यह अपील करना शुरू कर दी थी कि श्रीनगर से लद्दाख आने वाले लोग खुद को दूसरों से दूर रखें। वे घर में ही रहें परंतु इस बात की पुष्टि होने तक की वे संक्रमित नहीं हैं, अपने परिवार के सदस्यों के संपर्क में भी न आएं। लोगों ने उनकी बात मानी और 14 दिन तक घर में ही क्वारंटाइन रहे। लोगों ने भी उनकी बात को सुना। यही वजह है कि प्रदेश में संक्रमण के मामलों में कमी आई है।