डिवाइडर से टकराया वाहन, तीन मजदूरों और एक जवान की मौत
जम्मू कश्मीर से लौट रहे थे सभी झज्जर कोटली में हुआ हादसा छह गंभीर रूप से घायल घाटी में दूसरे राज्यों के नागरिकों पर हो रहे हमलों के डर से अपने घरों को लौट रहे थे श्रमिक
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जागरण संवाददाता, जम्मू: कश्मीर में दूसरे राज्यों के लोगों और मजदूरों पर हो रहे आतंकी हमलों से डरकर अपने घरों को लौट रहे तीन मजदूरों की वीरवार की सुबह सड़क हादसे में मौत हो गई। हादसे में कारगिल में तैनात सेना के एक जवान की भी जान चली गई। हादसा यात्री वाहन के डिवाइडर से टकराने से हुआ। राष्ट्रीय राजमार्ग पर जम्मू से करीब 35 किलोमीटर दूर झज्जर कोटली के नंदनी इलाके में हुए इस हादसे में ड्राइवर समेत छह लोग जख्मी हुए हैं। घायलों को सुबह करीब पौने नौ बजे जीएमसी जम्मू अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बिहार के रहने वाले आठ मजदूर बुधवार की रात कश्मीर से जायलो गाड़ी करके जम्मू के लिए निकले। इनमें से कुछ श्रमिक ऐसे थे, जो लेह में काम कर लौटे थे। कश्मीर घाटी में दूसरे राज्यों के नागरिकों पर हो रहे हमलों से डरकर ये लोग अपने घरों को लौट रहे थे। इसी गाड़ी में आर्मी पसर्नल सिखलाई में कारगिल में तैनात जवान दलजीत सिंह भी सवार हुआ था। वह भी छुट्टी लेकर अपने घर लौट रहा था। गाड़ी में ड्राइवर समेत कुल दस लोग सवार थे। मृतकों में एक की नहीं हो पाई पहचान
मृतकों की पहचान कारगिल में तैनात सेना का जवान दलजीत सिंह पुत्र कर्ण सिंह निवासी मौनपुर खन्ना पंजाब, जितेंद्र कुमार पुत्र त्रिवेणी मेहतो निवासी शेखपुरा बिहार और हाजीराम ठाकुर निवासी बिहार के रूप में हुई है। चौथे मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को उपचार के लिए जम्मू के राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करवाया। ड्राइवर समेत ये हुए जख्मी
घायलों में गाड़ी का ड्राइवर अमित पुत्र हरीराम निवासी डोडा, जम्मू कश्मीर भी शामिल है। अन्य घायलों में मोहम्मद मुमताज पुत्र शेख गुली निवासी बेतिया बिहार, रिकू निवासी बिहार और भोला पटेल निवासी बेतिया बिहार के नाम शामिल हैं। घायल दो मजदूरों की हालत गंभीर है और देर शाम तक इनकी पहचान नहीं हो पाई थी।
---------- हादसे कारण पर पुलिस सिर्फ कयास लगा रही
झज्जर कोटली पुलिस के अनुसार हादसा गाड़ी के डिवाइडर से टकराने से हुआ। सड़क हादसे के सही कारणों का पता चल पाता, इसके लिए कोई भी बोलने की हालत में नहीं बचा था। सभी घायल देर शाम तक अचेत हालत में थे। घायलों में कोई भी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि हादसा किस कारण हुआ। पुलिस बस कयास लगा रही है कि शायद ड्राइवर को नींद की झपकी आ गई होगी। इससे गाड़ी डिवाइडर से टकराई। घायल मजदूरों की तीमारदारी के लिए कोई नहीं
हादसे के बाद इससे भी बड़ी परेशानी यह रही कि घायलों की तीमारदारी करने के लिए भी कोई नहीं था। घायलों की पहचान करने के लिए पुलिस को भी कई घंटे लगे। इसके बावजूद सबकी पहचान नहीं हो पाई। दो घायलों का घंटों आपरेशन चला। दो घायलों को आइसीयू में रखा गया था। दो की हालत कुछ स्थिर हुई तो उन्हें रिकवरी वार्ड में शिफ्ट किया गया। अस्पताल स्टॉफ के लिए मुश्किल यह थी कि घायलों के साथ कोई नहीं था जो देखभाल कर सके। अस्पताल स्टॉफ ने पूरे दिन इन घायलों की तीमारदारी की। कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं घायल
घायलों की हालत बेहद नाजुक है। अस्पताल में वह पूरे दिन अचेत हालत में थे। देर रात तक घायल इस अवस्था में भी नहीं थे कि वो अस्पताल प्रशासन को अपने घरवालों की जानकारी दे पाते। छह में से केवल दो घायलों का ही किसी तरह संपर्क मिल पाया। भोला पटेल निवासी बेतिया बिहार के घर पर संपर्क होने के बाद जम्मू में रह रहे दो श्रमिक उनकी तीमारदारी के लिए पहुंचे थे। पुलिस व अस्पताल कर्मचारियों को इन तीमारदारों से भी दूसरे घायलों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। लद्दाखी युवक ने दिखाई दरियादिली
मोहम्मद मुमताज ने कुछ दिन पहले लेह में किसी के घर काम किया था, लिहाजा पुलिस किसी तरह उनसे संपर्क कर पाई। इसके बाद जम्मू में रह रहा लद्दाखी युवक तेजस उसकी तीमारदारी करने पहुंचा था, लेकिन उसे भी हादसे या अन्य घायलों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। तेजस ने बताया कि उसे लेह से भाई का फोन आया था, लिहाजा वह मानवता के नाते चला आया लेकिन उसे भी घायल बारे कोई जानकारी नहीं है।