Ban Toll Plaza Militant Attack: जैश के तीनों विदेशी आतंकियों ने वीरवार को दयालाचक्क से की थी घुसपैठ
ट्रक में पॉलीविनाइल क्लोराइड लदा हुआ था। सुरक्षाबलों की नजरों में आए बिना आतंकवादी आसानी से घाटी पहुंच जाएं इसके लिए ट्रक में उनके बैठने के लिए विशेष चैंबर तैयार किया गया था।
जम्मू, जेएनएन। बन टोल प्लाजा के निकट सुरक्षाबलों और आतंकवादियों की मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकवादी जैश-ए-मुहम्मद संगठन से जुड़े थे। ये तीनों आतंकवादी विदेशी बताए जा रहे हैं। घाटी में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के इरादे से भारी हथियारों के साथ इन विदेशी आतंकवादियों ने पाकिस्तान से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित जिला कठुआ के दयालाचक्क से गत वीरवार को घुसपैठ कर आए थे। हथियारों के साथ जब ये आतंकवादी ट्रक में सवार होकर घाटी जा रहे थे, तभी बन टोल के नजदीक तलाशी के दौरान उन्होंने सुरक्षाबलों की नाका पार्टी पर गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में तीनों आतंकवादियों को मार गिराया गया।
इस बात की जानकारी जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान दी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने ट्रक जेके03एफ-1478 सहित चालक मोहम्मद मकबूल वानी निवासी अनंतनाग व सहचालक को हिरासत में ले लिया है। यही नहीं मुठभेड़ स्थल से छह राइफल बरामद हुई हैं जिसमें पांच एके-47 आैर एक स्नाइपर राइफल शामिल है। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने कश्मीर पहुंचने के लिए वही तरीका अपनाया था जो झज्झर कोटली मुठभेड़ के दौरान मारे गए आतंकवादियों का था।
ट्रक में पॉलीविनाइल क्लोराइड लदा हुआ था, जो पीवीसी पाइप्स बनाने के काम आता है। सुरक्षाबलों की नजरों में आए बिना आतंकवादी आसानी से घाटी पहुंच जाएं इसके लिए ट्रक में उनके बैठने के लिए विशेष चैंबर तैयार किया गया था। ये आतंकवादी ड्राइवर के पीछे वाले हिस्से में खाली जगह में बैठे हुए थे जबकि उसके आसपास पॉलीविनाइल क्लोराइड की बोरियां लदी हुई थी। नाके पर पुलिस ने जब ट्रक को तलाशी के लिए रोका तो चालक घबरा गया। शक पड़ने पर जवान ने जब ट्रक पर चढ़कर तलाशी लेने की कोशिश की तो वहां छिपे आतंकवादियों ने नाका पार्टी पर गोलियां बरसाना शुरू कर दी। इस गोलीबारी में एक जवान घायल हो गया।
डीजीपी ने बताया कि ट्रक चालक का कहना है कि उन्होंने गत वीरवार को दयालाचक्क के नजदीक इन तीनों विदेशी आतंकवादियों को बैठाया था। परंतु इतनी भारी तादाद में हथियार व गोलाबारूद देख उन्हें इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा है। अपनी शंका को दूर करने के लिए वे अभी भी जगटी के जंगलों में सर्च आपरेशन जारी रखे हुए हैं। झज्झर कोटली आतंकी हमले के बाद से ही पुलिस इस तरह की वारदातों को लेकर सतर्क थी। इसी वजह से उन्होंने सकेतर से पहले बन में भी ट्रकों की जांच के लिए नाका बनाया था। उन्होंने कहा कि हथियारों में मिली स्नाइपर गन इस बात की ओर संकेत करती है कि आतंकवादी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। इससे पहले अमरनाथ यात्रा के दौरान यात्रा मार्ग पर सुरक्षाबलों को तलाशी अभियान के दौरान इसी तरह की स्नाइपर राइफल मिली थी।
सूत्रों का कहना है कि ट्रक चालक से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले हैं, जो कश्मीर में जैश के नेटवर्क को ध्वस्त करने में पुलिस के काफी काम आएगा।