हजारों युवाओं ने दी सिविल सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा
इस बार सिविल सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा में करीब 20 हजार अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे हैं। यूनिय
इस बार सिविल सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा में करीब 20 हजार अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे हैं। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की तरफ आयोजित सिविल सर्विस प्रारंभिक परीक्षा में सुबह साढ़े नौ बजे से साढ़े ग्यारह बजे और दोपहर ढाई बजे से साढ़े चार बजे तक पेपर हुए। परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों में अच्छा खासा उत्साह नजर आया। साइंस कॉलेज में परीक्षा देने वाले उम्मीदवार वरुण ने कहा कि वह पिछले डेढ़ साल से परीक्षा की तैयारी कर रहा था। दोनों पेपर तो अच्छे तरीके से आत्म विश्वास के साथ किए है, लेकिन मेरिट में नाम पाना और मेन के लिए योग्य बनाना बहुत बड़ी चुनौती है। जम्मू के उम्मीदवार अजय शर्मा ने कहा कि पेपर काफी मुश्किल था। यह तो स्वाभाविक ही है कि सिविल सर्विस का पेपर देना है तो अपने आप को पूरी तरह से तैयार करना होगा। अब आगे किस्मत पर ही निर्भर करता है। वहीं, कश्मीर के श्रीनगर व अन्य इलाकों में भी सिविल सर्विस की प्रारंभिक परीक्षा हुई। डिवीजनल कमिश्नर जम्मू और कश्मीर की तरफ से परीक्षा को सुचारु रूप से आयोजित करने के लिए प्रबंध किए गए थे। जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर संजीव वर्मा ने बताया कि जम्मू डिवीजन में परीक्षा के लिए 33 केंद्र बनाए गए थे। परीक्षा सुचारु रूप से संपन्न हो गई है।
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देरी से पहुंचने पर नहीं दे पाए परीक्षा, किया प्रदर्शन
सिविल सर्विस प्रारंभिक परीक्षा में चंद मिनट देरी से पहुंचने वाले विद्यार्थियों ने परीक्षा केंद्र में प्रवेश की इजाजत न देने पर रोष जताया। कुछ उम्मीदवारों ने रणबीर हायर सेकेंडरी स्कूल के गेट के बाहर प्रिसिपल के खिलाफ नारेबाजी की। सिविल सर्विस प्रारंभिक परीक्षा के परीक्षा केंद्र रणबीर हायर सेकेंडरी स्कूल में बनाया गया था। उम्मीदवारों को निर्धारित समय पर सुबह 9.20 बजे पहुंचना था, लेकिन कुछ विद्यार्थी कश्मीर, किश्तवाड़, ऊधमपुर व अन्य इलाकों से पेपर देने के लिए पहुंचे। किश्तवाड़ के एक उम्मीदवार ने रोष जताते हुए कहा कि वह निर्धारित समय पर पहुंच गए थे, लेकिन चार गेट होने के कारण उन्हें पता नहीं चला कि कहां से जाना है। हमें अंदर प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी गई। उम्मीदवार ने कहा कि वह पिछले तीन साल से कोचिग ले रहे थे, अब परीक्षा नहीं दे पाए, जिससे उनका भविष्य दांव पर लग गया है। एक छात्रा ने रोष जताते हुए कहा कि अगर हम पांच दस मिनट लेट हो गए हैं तो अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया। यह हमारे साथ नाइंसाफी है। हमारे भविष्य को खराब किया गया है। एक छात्र का कहना था कि वह पहले ट्रेन और फिर बस में यहां पर पहुंच पाया है। ऐसे में महज पांच-दस मिनट लेट हो गया तो इसमें क्या है। साढ़े नौ बजे पेपर शुरू हुआ है तो फिर भी परीक्षा केंद्र में क्यों नहीं प्रवेश करने दिया गया। इस संबंध में जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर संजीव वर्मा ने कहा कि उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए समय पर पहुंचना चाहिए था। लेट आने पर प्रवेश करने की इजाजत कैसे दी जा सकती है।