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मच्छरों का प्रकोप: राज्य में डेंगू ने दी दस्तक, सांबा व कठुआ में डेंगू के 17 मामले सामने आए

जम्मू संभाग में जुलाई से अक्टूबर तक डेंगू का प्रकोप रहता है। जम्मू में हुए सर्वे के अनुसार इन चार महीनों में ही 90 फीसद से अधिक मामले दर्ज होते हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 08:03 AM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 08:15 AM (IST)
मच्छरों का प्रकोप: राज्य में डेंगू ने दी दस्तक, सांबा व कठुआ में डेंगू के 17 मामले सामने आए
मच्छरों का प्रकोप: राज्य में डेंगू ने दी दस्तक, सांबा व कठुआ में डेंगू के 17 मामले सामने आए

जेएनएन, सांबा/कठुआ : राज्य में इस साल फिर डेंगू ने दस्तक दे दी है। सांबा और कठुआ में अभी तक डेंगू के 17 मामले सामने आए हैं। सांबा जिले में 12 संदिग्ध मरीजों में से दो को राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) अस्पताल जम्मू में भर्ती किया गया है। जबकि सांबा कस्बे से सटे दियानी इलाके में क्रिस्तु ज्योति अस्पताल में 10 मरीज उपचाराधीन हैं। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि सभी मरीज खतरे से बाहर हैं।

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वहीं, कठुआ जिला में एक सप्ताह के भीतर डेंगू के पांच मामले पॉजिटिव पाए गए हैं। बुद्धि गांव में ही तीन मामले सामने आने पर नागरिक प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग चौकस हो गया है। कठुआ के डीसी डॉ. राघव लंगर की उपस्थिति में रविवार को सीएमओ डॉ. अशोक चौधरी की देखरेख में गांव में दवाइयों का छिड़काव किया गया। उन्होंने कहा कि डेंगू मच्छर साफ पानी में पनपता है। सीएमओ ने लोगों से अपने घरों में गमलों व कूलर में पानी जमा न होने देने का अनुरोध किया।

जम्मू की बात करें तो अभी तक यहां डेंगू के मामले सरकारी अस्पतालों में न के बराबर आए हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इससे निपटने की पूरी तैयारियां कर ली हैं। जम्मू के अलावा ऊधमपुर व रियासी सहित अन्य जिलों में भी स्वास्थ्य विभाग ने मच्छरों को मारने के लिए फाङ्क्षगग शुरू कर दी है। हालांकि अस्पतालों में कई संदिग्ध डेंगू की जांच करवाने के लिए आ रहे हैं। एक दशक पहले तक डेंगू का इक्का-दुक्का मामला था, लेकिन वर्ष 2011 में चार लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई। उस समय लोगों में डेंगू को लेकर कोई डर नहीं था।

स्वास्थ्य विभाग ने भी कोई जागरूकता अभियान नहीं चलाया था। वर्ष 2015 में पहली बार जम्मू संभाग में डेंगू का आतंक देखने को मिला। जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में सैकड़ों लोग डेंगू के लक्षण लेकर अस्पतालों में पहुंचाना शुरू हो गए। सिर्फ जम्मू संभाग के सरकारी अस्पतालों में ही करीब छह हजार लोग जांच के लिए पहुंचे। 1800 से अधिक मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई। तीन लोगों की जान भी चली गई।

जुलाई से अक्टूबर तक बना रहता है डेंगू का खतरा

जम्मू संभाग में जुलाई से अक्टूबर तक डेंगू का प्रकोप रहता है। जम्मू में हुए सर्वे के अनुसार इन चार महीनों में ही 90 फीसद से अधिक मामले दर्ज होते हैं। जम्मू, सांबा और कठुआ जिले सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।

डेंगू के लक्षण

  • अचानक तेज बुखार होना
  • सिर में आगे की ओर तेज दर्द होना
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
  • जी घबराना, चक्कर आना
  • त्वचा पर लाल निशान होना

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