Ladakh: फिर सुर्खियों में आया चीन से सटा डेमचोक, सेना ने लगाए टैंट, पढ़ें क्या है पूरा मामला
जम्मू अत्याधिक ठंडे पूर्वी लद्दाख में जमीनी की गर्मी से गर्म होने वाले चश्माें के पानी में घुला गंधक (सल्फर) कई प्रकार की बीमारियों का इलाज करता है। इससे त्वचा संबंधी कई बीमारियों का इलाज होता है। जोड़ों की दर्द के लिए लोग गर्म पानी के चश्मों में नहाते हैं।
जम्मू, विवेक सिंह । पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे डेमचोक इलाके के हाटस्प्रिंग में रौनक लौट आई है। सेना की उत्तरी कमान की 14 कोर ने लोगों को हाटस्प्रिंग इलाके में गर्म पानी के चश्मों में नहाने की इजाजत दे दी है।
लद्दाख के दूरदराज इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देने की मुहिम के तहत सेना की 14 कोर के यह अहम फैसला करने के बाद गर्म पानी के चश्मों में स्नान कर बीमारियों का इलाज करने के लिए पहुंचे लोगों ने काेयूल गांव में टैंट लगा दिए। सेना ने पूर्वी लद्दाख के हाटस्प्रिंग में पारंपरिक हाइड्रोपैथी सेंटर शुुरू कर दिया है। लद्दाख के निवासियों ने जोश दिखाते हुए वहां पर टैंट लगा दिए हैं। यह जानकारी बुधवार को श्रीनगर के पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्नल एमरान मुसावी ने सोशल साइट पर ट्वीट कर दी है।
बुधवार को पूजा-अर्चना करने के बाद गर्म पानी के चश्मे में स्नान करने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसमें काेयूल गांव के लामा समेत कई लोगों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। अब स्थानीय निवासियों के साथ देश के अन्य हिस्सों से आने वाले पर्यटक डेमचोक क्षेत्र में जाकर वहां के गर्म पानी के चश्मों में नहाकर कई प्रकार की बीमारियों का उपचार कर सकते हैं।
लेह से करीब 300 किलोमीटर दूर डेमचाेक व हाटस्प्रिंग इलाके में चीन की सेना द्वारा कई बार विवाद पैदा किए गए हैं। पूर्वी लद्दाख में पहले वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई बार चीन के सैनिकों ने घुसपैठ कर हालात खराब करने की कोशिशें की हैं। अब गलवन के बाद हालात बदल गए हैं। क्षेत्र में भारतीय सेना के पहले से कई गुणा मजबूत होने के बाद चीन की सेना के रवैये में भी बदलाव आ रहा है।

पहले नियंत्रण रेखा पर चीन से तनाव के चलते सेना ने स्थानीय लोगों के लिए हाट स्प्रिंग बंद कर दिए थे। ऐसे में लोग त्वचा संबंधी कई बीमारियों व स्वास्थ्य संबंधी अन्य परेशानियों के इलाज के लिए इन चश्मों में नही नहा पा रहे थे। ऐसे में लोगों द्वारा हाट स्प्रिंग तक जाने की इजाजत देने का मुद्दा पिछले काफी समय से उठ रहा था। अब लद्दाख अटानमस हिल डेवेलपमेंट काउंसिल के यह मुद्दा उठाने के बाद सेना की चौदह कोर ने हाट स्प्रिंग को आम लोगों के लिए खोल दिया है।
गर्म पानी के चश्मों में घुला गंधक है कई बीमारियों का
जम्मू, अत्याधिक ठंडे पूर्वी लद्दाख में जमीनी की गर्मी से गर्म होने वाले चश्माें के पानी में घुला गंधक (सल्फर) कई प्रकार की बीमारियों का इलाज करता है। इससे त्वचा संबंधी कई बीमारियों का इलाज होता है। जोड़ों की दर्द के साथ अपचन जैसी समस्याओं के इलाज के लिए भी लोग गर्म पानी के चश्मों में नहाते हैं। लद्दाख के दूर दराज इलाकों में गर्म पानी के चश्मों में स्नान करना लद्दाखी संस्कृति का हिस्सा भी है।
लद्दाख के दूरदराज इलाकों को पर्यटन के लिए खाेलने की मांग बुलंद
लद्दाख कें केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद दूरदराज इलाकों को पर्यटन के लिए खाेलने की मांग बुलंद है। लद्दाख के प्रतिनिधिमंडल कई बार यह मुद्दा केंद्र सरकार, रक्षा मंत्रालय से उठा चुके हैं। सेना कुछ इलाकों में इन्नर लाइन परमिट के साथ पर्यटकों को आने की इजाजत देती है तो वहीं वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे इलाके पर्यटकाें के लिए बंद हैं। अब बदले हालात में सेना आम लोगों को सियाचिन ग्लेशियर तक ट्रैकिंग करने की इजाजत दे रही है। इस समय देश के दिव्यांगजनों का एक दल सियाचिन की कुमार पोस्ट तक ट्रैकिंग करने की मुहिम पर है।