Jammu Kashmir: आज से फिर करवट लेगा मौसम, बारामुला-कुपवाड़ा में सबसे अधिक प्रभाव होगा
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग की बात है तो फिलहाल इस पर दोनों ओर से यातायात सुचारू रूप से जारी है।
जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के वायुमंडल में आज 20 नवंबर देर रात से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो जाएगा। कश्मीर के अधिकांश इलाकों विशेषकर उत्तरी कश्मीर के बारामुला व कुपवाड़ा में सबसे अधिक प्रभाव होगा। मध्य व दक्षिण में सामान्य बर्फबारी और बारिश हो सकती है। पश्चिमी विक्षोप का यह प्रभाव 23 नवंबर तक रहेगा।
मौसम विभाग के कार्यकारी निदेशक मुख्तार अहमद ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले सप्ताह हुई बारिश और बर्फबारी से जम्मू कश्मीर के तापमान में भारी गिरावट आई थी। कुछ दिन मौसम साफ रहा तो जम्मू में तापमान सामान्य हो गया, लेकिन कश्मीर संभाग में अभी भी तापमान सामान्य से नीचे है।
कश्मीर के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में सुबह से ही बादल छाए हुए हैं। जम्मू में ही स्थिति देखने को मिल रही है। जहां तक जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग की बात है तो फिलहाल इस पर दोनों ओर से यातायात सुचारू रूप से जारी है। ट्रैफिक विभाग के जवान भूस्खलन वाले इलाकों में तैनात हैं ताकि मौसम खराब होने पर वे यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर तुरंत यातायात को एहतियातन बंद कर दें।
केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के लगभग सभी क्षेत्रों में तापमान सामान्य से नीचे चल रहा है। जम्मू का अधिकतम तापमान 23.8 और न्यूनतम तापमान 12.3 डिग्री सेल्सियस रहा। बनिहाल का अधिकतम तामपान 17.5, न्यूनतम तापमान 5.8, बटोत 19.3, न्यूनतम तापमान 6.1, कटड़ा का अधिकतम तापमान 21.3, न्यूनतम तापमान 10.5, भद्रवाह का अधिकतम तापमान 17.5, न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस रहा। श्रीनगर का अधिकतम तापमान 13.5, न्यूनतम तापतान 3.8 डिग्री सेल्सियस रहा। लेह का अधिकतम तापमान 11.5, न्यूनतम तापमान -6.8 डिग्री सेल्सियस रहा। कारगिल का अधिकतम तापमान 6.8, न्यूनतम तापमान -3.2, पहलगाम का अधिकतम तापमान 10.3, न्यूनतम तापमान -2.3 डिग्री सेल्सियस रहा।
भूस्खलन की चपेट में आने से एक की मौत
दक्षिण कश्मीर के जिला पुलवामा में भूस्खलन की चपेट मे आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। दिवंगत का शव आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया है। यह घटना जिला पुलवामा में अवंतीपोर तहसील के ऊपरी हिस्से में स्थित शालटकना गांव की है। पुलिस प्रवक्ता ने बतायाा कि गांव के बाहरी छोर पर एक पहाड़ी से भूस्खलन के दौरान भारी मात्रा मे मलबा पहाड़ी के नीचे स्थित मकान पर गिर पड़ा। मकान मलबे में दब गया। उस समय मकान में 65 वर्षीय गुलाम मोहम्मद डार मौजूद था, वह बाहर नहीं निकल पाया। भूस्खलन के फौरन बाद स्थानीय लागों ने पुलिसव एसडीआरएफ की मदद से राहत कार्य करते हुए गुलाम मोहम्मद डार को बाहर निकाला,लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने और पोस्टमार्टम के बाद दिवंगत का शव उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया।