जम्मू विश्वविद्यालय के वीसी का कार्यकाल पूरा, अभी तक सर्च कमेटी न बनने से असमंजस बना
कश्मीर व जम्मू विश्वविद्यालय एक्ट 1969 के तहत नए वीसी की नियुक्ति न होने तक मौजूदा वीसी ही कार्यभार संभालते है। मगर केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद नई व्यवस्था लागू हो चुकी है। वीसी का कार्यकाल तीन साल होने के साथ ही उपराज्यपाल विश्वविद्यालयों के चांसलर हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. मनोज धर का तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर कोई नया आदेश न आने की वजह से असमंजस पैदा हो गया है।
वाइस चांसलर प्रो. मनोज धर का तीन साल का कार्यकाल 25 जुलाई 2021 को समाप्त हो गया है। राजभवन की तरफ से न तो मौजूदा वीसी को एक्सटेंशन मिली है और न ही नए वीसी की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी का गठन हुआ है। हालांकि प्रो. मनोज धर की नियुक्ति पांच साल के लिए हुई थी लेकिन जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर के स्टेट विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर का कार्यकाल पांच साल से कम करके तीन साल कर दिया गया। इस संबंध में आदेश भी जारी हुआ।
जम्मू के क्लस्टर विश्वविद्यालय के वीसी का कार्यकाल भी पांच साल से कम होकर तीन साल कर दिया गया। उसके बाद वहां पर नए वीसी की नियुक्ति हो गई। विश्वविद्यालय के टीचिंग, नान टीचिंग स्टाफ की नजरें इस समय राजभवन पर लगी हुई हैं क्योंकि अभी तक प्रो. मनोज धर को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। वीसी का तीन साल का कार्यकाल पूरा होने से तीन अधिक हो गए है।
कश्मीर व जम्मू विश्वविद्यालय एक्ट 1969 के तहत नए वीसी की नियुक्ति न होने तक मौजूदा वीसी ही कार्यभार संभालते है। मगर केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद नई व्यवस्था लागू हो चुकी है। वीसी का कार्यकाल तीन साल होने के साथ ही उपराज्यपाल विश्वविद्यालयों के चांसलर हैं। सूत्र बताते है कि प्रो. मनोज धर को लेकर जल्द ही आदेश राजभवन से आ जाएगा।
इस समय पढ़ाई के लिए जम्मू-कश्मीर के सभी शिक्षण संस्थान बंद है लेकिन प्रशासनिक कामकाज चल रहा है। विश्वविद्यालय के कई अध्यापक चाहते है कि नई व्यवस्था के तहत जल्द सर्च कमेटी का गठन किया जाए। सर्च कमेटी निर्धारित समय के भीतर ही नए वीसी का चयन करे।