Jammu Kashmir : पूरी तरह से यात्रा बहाल होने पर ही प्रदेश के टैक्सी ऑपरेटरों की आजीविका चलेगी
रेलवे स्टेशन टूरिस्ट टैक्सी आॅपरेटर यूनियन के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र चौधरी का कहना है कि टैक्सी ऑपरेटरों का कारोबार तो पूरी तरह से बाहरी राज्यों से माता वैष्णों देवी की यात्रा पर
जम्मू, जागरण संवाददाता । सरकार की ओर से भले ही माता वैष्णों देवी की यात्रा पर हर रोज प्रदेश के 1900 श्रद्धालुओं सहित बाहरी राज्यों के 100 श्रद्धालुओं को दर्शनों की इजाजत है लेकिन जब तक यात्रा पूरी तरह से बहाल नहीं हो जाती तब तक पर्यटकों पर पूरी तरह से निर्भर टैक्सी ऑपरेटरों की आजीविका नहीं चल सकती।
रेलवे स्टेशन टूरिस्ट टैक्सी आॅपरेटर यूनियन के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र चौधरी का कहना है कि टैक्सी ऑपरेटरों का कारोबार तो पूरी तरह से बाहरी राज्यों से माता वैष्णों देवी की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं और प्रदेश में घूमने आने वाले पर्यटकों पर निर्भर है। ऐसे में प्रत्येक दिन बाहरी राज्यों के केवल 100 श्रद्धालुओं को दर्शनों के लिए आने देने की इजाजत से टैक्सी ऑपरेटर को कोई लाभ नहीं होने वाला है। उनका कहना है कि बाहरी राज्यों से कोई भी श्रद्धालु अपने बच्चे और बड़े बुजुर्ग घर छोड़कर नहीं आएगा। ऐसे में कैसे उम्मीद की जा सकती है कि बाहरी राज्यों के श्रद्धालु माता वैष्णों देवी के दर्शनों के लिए आएंगे। जम्मू संभाग में टूरिस्ट टैक्सी ऑपरेटर की 1200 के करीब गाड़ियां है। पिछले पांच महीनों में कोरोना वायरस संक्रमण से उनके पूरे धंधे और इससे जुड़े ड्राइवरों के परिजनों की आजीविका समाप्त कर दी है। जब तक प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले 1000 श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी तब तक टैक्सी ऑपरेटर का व्यवसाय फिर से पटरी पर आना मुमकिन नहीं है। केवल टैक्सी ऑपरेटर ही नहीं बल्कि प्रदेश के होटल एवं व्यापार जगत से जुड़े व्यापारियों का भी रोजगार चलना मुमकिन नहीं है।
एयरपोर्ट टैक्सी स्टैंड के प्रधान स. गुरदीप सिंह का कहना है कि कोरोना कॉल में बाहरी राज्यों से यात्रा पर श्रद्धालु डर के मारे नहीं आएंगे। अगर आएंगे तो भी उनकी संख्या सीमित हीे हाेगी। ऐसे में सरकार को चाहिए कि पर्यटन क्षेत्र से जुड़े उद्योगों को राहत प्रदान करने के लिए वित्तीय पैकेज का ऐलान करे तभी ट्रांसपोर्टरों की डूबती नैया पार हो सकेगी। वरना स्थिति सामान्य होने तक टैक्सी ऑपरेटरों का व्यवसाय फिर से चल पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।