Positive India: मजदूरों को भूखा देख दुकानदार ने पूरी बस्ती में बांटा राशन, कहा कोई नहीं रहेगा भूखा
कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन के बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रमण भल्ला ने बुधवार को जरूरतमंद लोगों को राशन वितरित किया।
जम्मू, विकास अबरोल। लॉकडाउन के बाद एक तरफ से जहां सब्जियां और राशन सामग्री के दाम बढ़ गए हैं, वहीं समाज में कुछ ऐसे दानवीर भी हैं जो संकट की इस घड़ी में गरीब परिवारों की दिल खोलकर मदद करने में जुटे हैं। शहर के बाहरी क्षेत्र रतनोचक्क में मैसर्स पीएस नारायणिया प्रॉविजन स्टोर के मालिक प्रवीण सिंह नारायणिया की दुकान से सटे खाली प्लॉट में कई मजदूरों की झुग्गियां बनी हैं। मंगलवार सुबह उन्होंने सुबह 10 बजे दुकान खोली और कुछ समय के बाद अपने बेटे दिवाकर सिंह को दुकान में बैठाकर झुग्गियों में चले गए। श्रमिकों ने उनको बताया कि जिस ठेकेदार ने उन्हें झुग्गियों में बसाया है, वह पिछले 20 दिन से उनकी सुध तक लेने नहीं आया।
अब उनके पास खाद्य सामग्री भी खत्म हो गई है। ऐसे में वे भरपेट भोजन नहीं कर पा रहे हैं। मजदूरों की इस बस्ती में रह रहे 22 परिवारों में कुल 80 लोग रह रहे हैं। यह सुनकर प्रवीण सिंह ने सभी 22 परिवारों की मदद करने का संकल्प कर लिया। बुधवार की सुबह उन्होंने सभी 22 परिवारों के एक-एक सदस्य को दुकान में बुलाकर उन्हें तीन-तीन फुट पर खड़ा किया और एक सप्ताह का मुफ्त में राशन दिया। इतना ही नहीं प्रवीण सिंह ने सभी 22 गरीब परिवारों के लोगों से कहा कि जब यह राशन खत्म हो जाएगा तो वे फिर उन्हें एक सप्ताह का राशन देंगे। उन्होंने सभी जम्मू वासियों से अपने-अपने मोहल्लों में ऐसे जरूरतमंद लोगों की मदद करने की अपील की है।
कांग्रेस के पूर्व विधायक ने 200 परिवारों में बांटा आटा
कोरोना से उपजे हालात में पूर्व विधायक, पूर्व एमएलसी और कई संगठन जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए सामने आ रहे है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन के बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रमण भल्ला ने बुधवार को जरूरतमंद लोगों को राशन वितरित किया। गांधी नगर विधानसभा क्षेत्र के अधीन आने वाले डिल्ली, माराखाड़ी, माडल टाउन में ट्रक लेकर पहुंचे पूर्व विधायक ने करीब 200 परिवारों में आटा बांटा। भल्ला ने कहा कि हम सबको मिल कर कोरोना को हराना है। उन्होंने उपराज्यपाल जीसी मुमरू से अपील की कि ईएसआइ अस्पताल का विस्तार किया जाए। करीब सत्तर हजार कर्मी और श्रमिक ईएसआइ से पंजीकृत है। इस हालात में अस्पताल का विस्तार करना बहुत ही जरूरी है। कोरोना के बीच सभी अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं बंद नहीं होनी चाहिए। अगर इस हालात में कोई बीमार हो जाए तो वह कहां जाएगा।